झांसी में माफियागिरी : विकलांग दलित की भूमाफियाओं ने हड़प ली बेशकीमती जमीन
माफिया पर लाखों की जमीन हड़पने, फर्जी बैनामा कराने और रंगदारी मांगने का आरोप
न्याय के लिये विकलांग ने दरवाजा खटखटाया पुलिस कप्तान का
झाँसी। झांसी के एक चर्चित जमीन माफिया पर एक विकलांग दलित व्यक्ति ने अपनी लाखों रुपये की जमीन का फर्जी बैनामा कराकर हड़पने और विरोध करने पर बंदूक की दम पर धमकाने के साथ-साथ अवैध रूप से रंगदारी मांगने का आरोप लगाया है। इस मामले की शिकायत विकलांग दलित ने न्याय के लिए पुलिस कप्तान का दरवाजा खटखटाया है और उसने अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
विवरण के मुताविक प्रेमनगर थाना क्षेत्र के नैनागढ़ निवासी महेंद्र अहिरवार ने अपने परिजनों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय पहुँचकर एक शिकायती पत्र सौंपा। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि माफिया गैंग से जुड़े के एक सदस्य ने उनके एक रिश्तेदार के साथ मिलकर उनकी लाखों रुपये कीमत की जमीन का फर्जी बैनामा करा लिया। पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने उनके बैंक खाते से अपने रिश्तेदार के खाते में पैसे डलवाकर उनकी जमीन धोखे से हड़प ली। उसने शिकायती पत्र में यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस और अन्य अधिकारियों से की, तो उक्त दबंग व्यक्ति अपने गुर्गों के साथ उनके घर पहुंचा। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी ने उन्हें बंदूक की नोक पर धमकाया और उनके साथ मारपीट की, साथ ही दस लाख रुपये की रंगदारी की भी मांग की और कहा की अगर तुमने दोबारा कोई शिकायत की तो जान से मार दिए जाओगे।
मालुम हो कि जिस जमीन माफिया पर विकलांग दलित ने आरोप लगाया है उसके खिलाफ कि कुछ दिनों पहले भी शहर के एक धनाढ्य व्यक्ति ने इसी प्रकार उस माफिया गैंग के एक दबंग गुर्गे पर उसकी जमीन कब्जाने और धमकाने का आरोप लगाते हुए अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानपुर जोन के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया था। इस नए मामले के सामने आने से बाहरी माफिया गैंग के गुर्गों द्वारा झाँसी में भी सक्रिय होकर लोगों को परेशान करने और उनकी संपत्तियों पर कब्जा करने की आशंका बढ़ गई है। पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है और पीड़ित महेंद्र अहिरवार द्वारा दिए गए शिकायती पत्र के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाती है और पीड़ित को न्याय दिला पाती है या नहीं। इस घटना ने एक बार फिर संगठित अपराध और माफिया तत्वों के प्रभाव को उजागर किया है, जो कमजोर और असहाय लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। पीड़ित पुलिस कप्तान से न्याय की गुहार लगायी है।
झांसी:शिकायतों के निस्तारण में समयबद्धता और गुणवत्ता पर हो अधिक फोकस: डीएम
22 शिकायतों का हुआ मौके पर निस्तारण
झांसी। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने कहा कि संपूर्ण समाधान दिवस में प्राप्त शिकायतों का निस्तारण समय सीमा और गुणवत्ता परक किया जाना सुनिश्चित किया जाए। आज प्राप्त शिकायतों को स्वयं संज्ञान में लेते हुए निस्तारित शिकायतों का मौके पर स्वयं परीक्षण करें । उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत के निस्तारण से संतुष्ट होना भी सुनिश्चित किया जाए।
आज संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर लगभग 170 को शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें 22 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया गया,शेष शिकायतों को 15 दिवस में निस्तारित करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने सम्पूर्ण समाधान दिवस मोंठ में भूमि संबंधित विवाद अथवा सरकारी एवं निजी भूमि/चक रोड पर अवैध कब्जों की शिकायतें प्राप्त होने पर उपस्थित लेखपालों को कार्यशैली में सुधार लाए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने अवैध कब्जों की शिकायत के संदर्भ में टीम गठित करते हुए मौके पर जाकर चकरोड, निजी एवं सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस मौके पर गरौठा विधायक जवाहर सिंह राजपूत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ती, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जी अक्षय दीपक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय, डीएफओ जे बी शेंडे, एसडीएम प्रदीप कुमार ,क्षेत्राधिकारी पुलिस सहित समस्त विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी अधिकारी उपस्थित रहे।
साहब, नाजायज तरीके से लगा ली है फसल
सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर मोहन सिंह निवासी ग्राम पथर्रा मोंठ ने प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि ग्राम पथर्रा की में भूमि संख्या 277 नाला व 279 खाद के गड्ढे को गाँव के दबंग व्यक्ति ने नाजायज तरीके से उपरोक्त भूमि में प्याज व वरसीम की फसल लगा ली है। पूर्व में शिकायत करने के बाद क़ब्ज़ा हटा दिया गया था किंतु विपक्षी द्वारा पुन। उक्त भूमि पर फसल लगा ली गई हैं। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने उपजिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी पुलिस को मौके पर भ्रमण कर कब्जा हटाए जाने की नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सम्पूर्ण समाधान दिवस पर विद्युत विभाग, समाज कल्याण विभाग, दिव्यांग विभाग की शिकायतों निस्तारण हेतु जिलाधिकारी ने तत्काल कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए।
झांसी : शासन की योजनाओं का लाभ प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचाना सर्वोच्च प्राथमिकता – मृदुल चौधरी
नवागंतुक जिलाधिकारी ने जनपद झांसी का ग्रहण किया पदभार
जनपद में हो रहे विभिन्न विकास कार्यों को गति के साथ पूर्ण कराया जाना प्राथमिकता रहेगी
जनपद में पेयजल आपूर्ति पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
झांसी। नवागंतुक जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने आज सांय 07 बजे कलेक्ट्रेट स्थित जिला कोषागार पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया। 2014 बैच के आईएएस अधिकारी नवागत जिलाधिकारी इससे पूर्व जनपद महोबा में जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत रह चुके है। जिला कोषागार में कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त उन्होंने जरूरी अभिलेखों पर हस्ताक्षर किया।
नवागत जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त अधिकारियों से कहा कि शासन के निर्देशों का पालन करते हुए आम जनमानस को दी जा रही सुविधाएं, लाभार्थियों तक शत प्रतिशत पहुंचाना प्राथमिकता रहेगी, इसके साथ ही जनपद में हो रहे विकास कार्यों को गति के साथ पूर्ण कराया जाएगा। जनपद में शत-प्रतिशत पेयजल आपूर्ति हेतु विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में जनपद में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों को गति के साथ पूर्ण कराया जाना और जनपद के सभी लोगों के समन्वय से शासन की नीतियों का धरातल पर क्रियान्वित करने का कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरुण कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी न्याय श्रीमती श्यामलता आनंद, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वरुण कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे योगेंद्र कुमार, नगर मजिस्ट्रेट प्रमोद कुमार झा, उपजिलाधिकारी झांसी सुश्री देवयानी, वरिष्ठ कोषाधिकारी अनिल कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक नगर ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी नगर श्रीमती स्नेहा तिवारी सहित सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद रहे।
मऊरानीपुर : सुखनई नदी बहा रही है अपनी दुर्दशा पर आंसू
झांसी। मऊरानीपुर में वर्षों से निर्मल धारा के साथ कल कल बहने एवं कभी न सूखने वाली पवित्र सुखनई नदी के लिए मौजा ढिमलौनी में स्थित बरसों पूर्व ब.स.पा शासन में बनाया गया चेक डैम अभिशाप बन गया है। जिसके कारण नदी की ऐसी दुर्दशा हो गई है कि नदी का पानी वासिल व दुर्गंध युक्त हो गया है एवं नालों के पानी, जलकुंभी ,शौच सहित लगातार फैल रही गंदगी के कारण सुन्दर नदी बड़े नाले के रूप में नजर आने लगी है क्योंकि उक्त चेक डैम में फाटक ना होने से गंदगी का प्रतिशत लगतार बढ़ रहा है लेकिन पूरी स्थिति जानने के बाद प्रशासन अभी तक कदम नहीं उठा रही है इस संबंध में सामाजिक संगठनों व वरिष्ठ नागरिकों ने चेक डैम में फाटक लगाने की मांग की है लेकिन अब तक प्रशासन एवं राजनीतिक दलों के लोगों ने भी किसी प्रकार का प्रयास नहीं किया जिसमें नगर के मध्य बहने वाली सुखनई नदी बदरंग नजर आने लगी है और पूर्व में पालिका द्वारा सुखनई नदी की सफाई करने के लिए लाखों रुपए का ठेका दिया था लेकिन लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी सुखनई नदी की दुर्दशा ज्यों की त्यों बनी हुई है जलकुंभी से पूरी तरह पटी पड़ी हुई है।
बबीना : स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है – ब्रिगेडियर सुमित रावत
आर्मी पब्लिक स्कूल में वार्षिक खेल दिवस का आयोजन
श्रीमती दीप्ति रावत एवं ब्रिगेडियर सुमित रावत ने विजयी खिलाड़ियों को वितरित किये पुरस्कार
झांसी। बबीना आर्मी पब्लिक स्कूल में वार्षिक खेल दिवस का आयोजन विद्यालय अध्यक्ष ब्रिगेडियर सुमित रावत के मुख्यआतिथ्य एवं विशिष्ट अतिथि श्रीमती दीप्ति रावत अध्यक्षा F W O हैडक्वार्टर 27 आर्म्ड ब्रिगेड की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम स्थल पर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का स्वागत एन सी सी के कैडेट्स ने जोरदार सैल्यूट के साथ किया। प्राचार्या डिम्पल शेखावत ने अतिथियों की अगवानी की एवं नन्हीं मुन्नीं बच्चियों ने पुष्प गुच्छ भेंट किए। कार्यक्रम स्थल पर मुख्य अतिथि ने प्रज्वलित मशाल मशाल क्रीड़ा कप्तान को सौंपी। क्रीड़ा कप्तान आर्यन ने क्रीडांगन की प्रदक्षिणा करके मशाल को क्रीडांगन में स्थापित कर दिया। मुख्यअतिथि ने कार्यक्रम शुभारंभ की अनुमति प्रदान की तत्पश्चात विद्यालय घोष की धमक के साथ परेड का शुभारंभ हुआ। परेड को अग्रगति प्रदान कर रहे थे छात्र परिषद के प्रमुख राज गौतम तथा मुख्य छात्रा अंजलि सहलोत, बालक एन सी सी की कमान अंशुल यादव तथा बालिका एन सी की कमान तनीषा ने संभाली। विद्यालय घोष का नेतृत्व विश्वजीत कर रहे थे। देश के महान सैन्य योद्धाओं को समर्पित सदनों का नेतृत्व विश्वजीत कर रहे थे खेत्रपाल सदन की ध्वज वाहिका सौम्या पाण्डे उपकप्तान आयुष, तारापुर सदन ध्वज वाहक सुमित उपकप्तान सुमित उप कप्तान ऐश्वर्या रावत, सोमनाथ सदन ध्वज वाहिका अंशिका उपकप्तान साहिल, होशियार सदन ध्वज वाहक मारूफ तथा उपकप्तान अर्पिता थीं। खेलो इंडिया खेलो की झलक से सम्पूर्ण क्रीडांगन खेलमय हो गया, स्टार्स आफ इंडिया, लाइटिंग टोज, सन फ्लावर्स डांस, पांम्प पांम्प डांस, अब्रेला डांस, मलखंभ, ऐरोविक्स और जैज बैंड ने खेल दिवस की थीम कलर्स आफ इंडिया को साकार कर दिया। मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि ने शीर्ष स्थान प्राप्त करने खेल प्रतिभागियों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्रमाण सहित प्रदान किए।
बालिका रेस में झलक, साक्षी, एंजल (100 मीटर रेस) बालक /बालिका रेस में अभिजीत, आर्यन तथा झलक, ऐश्वर्या रावत व साक्षी रहे। प्राथमिक विद्यालय बबीना बाजार जिसे आर्मी पब्लिक स्कूल ने विद्यांजलि कार्यक्रम के अंतर्गत गोद लिया है तथा आधुनिक सुख सुविधाओं से सुसज्जित किया है इसी कड़ी में आज के कार्यक्रम में एक बार फिर बबीना बाजार की प्रधानाध्यापिका को दो कूलर तथा तीन लाइब्रेरी बुक शेल्फ मुख्य अतिथि ने अपने कर कमलों से तालियों के बीच सौंपे। मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस अनूठे कार्यक्रम के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं आप देश का भविष्य हो, खेल न केवल शारीरिक सुदृढ़ता प्रदान करता है बल्कि मानसिक बौद्धिकता को बढ़ाता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है आपको बहुत-बहुत बधाई और विजयी भवः का आशीर्वाद। मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम को भव्य और दिव्य रूप देने के लिए प्राचार्या डिम्पल शेखावत और शिक्षकों की सराहना की। प्राचार्या डिम्पल शेखावत ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपकी अनूठी बौद्धिक क्षमता, नवनीत विचार और दूर दृष्टि ने विद्यालय को सुसज्जित रूप प्रदान किया। आपका आभार हमारी शक्ति है। आभार की वेला में प्यारे बच्चों को अनंत आशीर्वाद दिये तथा अभिभावकों का ह्रदय से आभार व्यक्त किया तथा शिक्षकों और कर्मचारियों की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन सोनिका सिंह एवं हरीमोहन पुरोहित ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में नेहा शर्मा (व्यवस्थापिका बाल वाटिका) अरुण दीक्षित, देवेन्द्र दीक्षित, जितेंद्र जैन, दीपक यादव, मनोज मिश्रा, लाजर बरारा, राममोहन मिश्रा, हेमलता, सचिन, सुधीर झा, आरती शर्मा, मेघा सिंह, प्रिया समेत सभी शिक्षकों ने सराहनीय सहयोग दिया। खेत्रपाल सदन प्रमुख राहुल यादव, सोमनाथ सदन शैलेन्द्र शर्मा, अरविंद जैन तारापुर सदन तथा होशियार सदन प्रमुख ब्रिजेश यादव थे।
झांसी : ऐसे महोत्सव से बुंदेली कला संस्कृति का मान बढ़ेगाः कुलपति
बीकेडी में तीन दिवसीय बुन्देली महोत्सव एवं राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन समापन
झांसी। क्रान्तिवीर तात्याटोपे विश्वविद्यालय, गुना (म.प्र.) के कुलपति प्रो. किशन यादव ने कहा कि ऐसे महोत्सव के द्वारा बुंदेली कला संस्कृति का मान बढ़ेगा एवं सम्पूर्ण भारत बुन्देलखण्ड एवं बुंदेली वीरों, कवियों, खिलाड़ियों तथा यहां की प्रतिभाओं से परिचित हो पायेगा। यह बात उन्होंने बुन्देलखण्ड के सर्वाधिक प्राचीन, गौरवशाली, समृद्ध उच्च शिक्षा के संस्थान बुन्देलखण्ड कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय बुंदेली महोत्सव एवं राष्ट्रीय पुस्तक मेले के समापन समारोह पर कही है।
उन्होंने तीन दिवसीय बुंदेली महोत्सव को भव्यता से मनाने के लिए बुन्देलखण्ड कॉलेज के समस्त सम्मानित शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को बधाई दी।बुन्देलखण्ड कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एस.के. राय के नेतृत्व में आयोजित समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में क्रान्तिवीर तात्याटोपे विश्वविद्यालय, गुना (म.प्र.) के कुलपति प्रो. किशन यादव उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में प्रदीप सरावगी (दुग्ध डेयरी संघ डायरेक्टर), शैलेन्द्र प्रातप सिंह (भा.ज.पा. जिला उपाध्यक्ष), मनोहर लाल वाजपेयी (प्रबन्धक, बुन्देलखण्ड कॉलेज), डॉ. नीति शास्त्री (वरिष्ठ समाज सेवी), सन्तराम चौधरी (समाज कल्याण विभाग, उ.प्र. सरकार), डॉ. मिथलेश राठौर (मेडीकल ऑफीसर) एवं बुन्देलखण्ड कॉलेज के पुरातन छात्र डॉ. सुदर्शन शिवहरे, डॉ. मनमोहन मनु, उपस्थित रहे।
बुंदेलखंड के लोक देवता लाला हरदौल की कथा का किया मंचन
अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात बुन्देलखण्ड कॉलेज के नव कुलगीत का सामुहिक गान किया गया। समापन समारोह कार्यक्रम का आकर्षण तरकश लोक कला नाटक केन्द्र झाँसी के कलाकारों द्वारा भावपूर्ण, मार्मिक प्रस्तुति के माध्यम से बुन्देलखण्ड के लोक देवता लाला हरदौल की कथा का मंचन किया गया। जिसने सभी दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। नाटक के लेखक एवं निर्देशक महेन्द्र वर्मा एवं अन्य कलाकार संजय राष्ट्रवादी, राघवेन्द्र सिंह, मंजू वर्मा, अंकुर चाचरा के शानदार अभिनय के लिए कॉलेज के प्राचार्य एवं अतिथियों द्वारा पुष्प एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके पश्चात बुन्देली समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली मातृ शक्तियों को बुन्देलखण्ड कॉलेज द्वारा नारी शक्ति वन्दन कार्यक्रम के माध्यम से सम्मानित किया गया।
इनको किया सम्मानित
मुख्य रूप से डॉ. केश गुप्ता (चिकित्सक), डॉ. मोनिका गोस्वामी (चिकित्सक), डॉ. प्रियंका साहू (नगर निगम), डॉ. गीता सहरिया (काउंसलर), कु. राधिका अग्रवाल (शोधकर्ता), डॉ. स्वप्निल मोदी (चिकित्सक), वैष्णवी दीक्षित (ट्रैक मैनेजर), श्रीमती अरूणा गुप्ता (शिक्षिका), प्रगति सिंह (ट्रैक मैनेजर), दिव्यांशी कश्यप (रेलवे) आदि को सम्मानित किया गया।
विभिन्न प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को दिया इनाम
बुन्देली भित्तिचित्र एवं अन्य पारम्परिक कला प्रदर्शनी प्रतियोगिता में निकिता राजपूत प्रथम, अंशिका सिंह द्वितीय एवं महक यादव को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। बुन्देलखण्ड के पारम्परिक व्यंजन प्रतियोगिता में मेघा एवं मिथलेश सिंह को प्रथम, धीरेन्द्र के समूह को द्वितीय एवं मोहिता कौशल को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। बुन्देलखण्ड की झाँकी प्रतियोगिता में प्रियंका, पायल, साधना, चंचल, काजल, अमन, सत्यम एवं स्नेहा की टीम को प्रथम पुरस्कार, कुदरत यादव, आकाश, मुस्कान की टीम को द्वितीय पुरस्कार एवं सोनम, सत्येन्द्र, जीतेन्द्र, तुषार, संध्या, सुरेन्द्र, अनुराधा की टीम को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। बुंदेली लोककथा वाचन प्रतियोगिता में रवीना, रामरती को प्रथम, आयुषी श्रीवास्तव को द्वितीय, मोहिता साहू एवं भरत लाल को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। बुन्देली लोक नृत्य प्रतियोगिता में राई नृत्य के लिए रेंजर्स की टीम को प्रथम, ढिमरियाई नृत्य के लिए रोवर्स की टीम को द्वितीय एवं राई नृत्य के लिए बी.एड. विभाग से प्रियदर्शिनी, प्रियांषी की टीम को तृतीय तथा दीवारी नृत्य के लिए एन.सी.सी. की टीम को भी तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। लोक गीत गायन प्रतियोगिता में एकता को प्रथम, भरत लाल को द्वितीय एवं शिवम हरी को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मयंक त्रिवेदी द्वारा किया गया।
यह लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रो. संजय सक्सेना, प्रो. उमारतन यादव, प्रो. एल.सी. साहू, प्रो. स्मिता जायसवाल, प्रो. नवेन्द्र सिंह, प्रो. नीलम सिंह, प्रो. अश्वनी कुमार, प्रो. अजीत सिंह, प्रो. प्रतिमा सिंह परमार, डॉ. रोबिन कुमार सिंह, डॉ. संतोष रानी, डॉ. हिमानी, डॉ. चंचल कुमारी, डॉ. शिव प्रकाश त्रिपाठी, डॉ. श्याम मोहन पटेल, डॉ. उमेशचन्द्र यादव, डॉ. नरेन्द्र गुप्ता, डॉ. राकेश यादव, डॉ. कमलेश सिंह, डॉ. सुरेन्द्र नारायण, डॉ. रहीस अली, डॉ. चन्दन कुमार सिंह, डॉ. शशि तिवारी, डॉ. वन्दना कुशवाहा, डॉ. रामानन्द जायसवाल, डॉ. ए.एस. परमार आदि शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रमों के सफल संचालन में रत्नेश श्रीवास्तव, भानु प्रताप सिंह, अंकित राज, धनीराम, संजीव कुमार, संजय गुर्जर, ललित वर्मा एवं कल्याण सिंह कुशवाहा, कपिल कुमार सविता का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। समस्त कार्यक्रम में समस्त शिक्षकगण, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उत्साह पूर्वक उपस्थित रहे।
रेलवे की जमीन में अवैध रुप से चल रहा है ईट भट्टा का कारोबार
आरपीएफ व रेलवे अफसर बने हैं अनभिज्ञ
सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेलपथ (नॉर्थ) ने आरपीएफ को लिखा पत्र
झांसी। रेल सुरक्षा बल की मिलीभगत से रेलवे की जमीन में अवैध रुप से ईट भट्टा का कारोबार चल रहा है। इसकी जानकारी अफसरों को अच्छी तरह से हैं मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। बीते रोज सीनियर रेलवे सेक्शन इंजीनियर रेलपथ (नॉर्थ) ने आरपीएफ को पत्र लिखा है। इस पत्र पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
पर्यावरण प्रदूषण के चलते जहां जनमानस घातक बीमारियों की चपेट में आ रहा है। वहीं फसलों व फलों का उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। ईट भट्टे का संचालन अमानत तरीके से कर रहे हैं। उनसे पास सबसे महत्वपूर्ण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी नहीं है। बताया जा रहा है झांसी रेल मंडल के सोनागिर और दतिया रेलवे सेक्शन के किलोमीटर क्रमांर 1160/15 से 1160/ 11 के बीच ट्रैक किनारे ईट भट्टा का संचालन हो रहा है। बताते है कि कोई भी भट्टा नगर पालिका परिषद अथवा नगर पंचायत क्षेत्र के पांच किलोमीटर के भीतर नहीं स्थापित किया जाएगा, आबादी से कम से कम पांच सौ मीटर दूर, रजिस्टर्ड चिकित्सालय, स्कूल, सार्वजनिक इमारत, धार्मिक स्थानों अथवा किसी एेसे स्थान जहां ज्वलनशील पदार्थों के भंडारण स्थल के एक किलोमीटर दूरी के भीतर स्थापित नहीं होगा। प्राणी उद्यान, वन्यजीव अभयारण्, एतिहासिक इमारतों, म्यूजियम आदि से पांच किलोमीटर दूरी होनी चाहिए। रेलवे ट्रैक से 200 मीटर व राष्ट्रीय और राज्यमार्ग के दोनों किनारों से तीन सौ मीटर दूरी होना चाहिए। एक ईट भट्टे से दूसरे ईट भट्टे की दूरी 800 मीटर दूरी हो। बताया जाता है कि बफर जोन में ईट भट्टा स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खनन, जिला पंचायत विभाग से एनओसी, पर्यावरण सहमति पत्र व लाइसेंस आवश्यक है। मिट्टी खनन के लिए खनन विभाग की अनुमति जरुरी है। लोहे की बजाय सीमेंट की चिमनी होनी चाहिए। पर्यावरण लाइसेंस व प्रदूषण विभाग से एनओसी जारी होनी चाहिए, लेकिन यहां आरपीएफ के संरक्षण में उक्त भट्टे का कारोबार चल रहा है। इस मामले की जानकारी रेलवे अफसरों को अच्छी तरह से है मगर अब तक कार्रवाई नहीं की है। बीते रोज सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेलपथ (उत्तर) ने आरपीएफ प्रभारी दतिया को एक पत्र भेजा है। पत्र के माध्यम से वहां से ईट भट्टा हटाने की मांग की है मगर पंद्रह दिन गुजरने के बाद भी अब तक ईट भट्टा बंद नहीं हुआ है।
किसी भी दशा में अपराधी सजा से बचने ना पाएः जिलाधिकारी
मार्च में 51 अपराधियों को न्यायालय से दिलायी सजा
ज्यादा से ज्यादा अपराधियों को सजा दिलाना सुनिश्चित करें
महिलाओं के विरुद्ध घटित घटनाओं के प्रति गंभीर होकर पैरवी करें शासकीय अधिवक्ता
झांसी। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने विकास भवन सभागार में अभियोजन समिति की बैठक में वादों के निस्तारण के सम्बन्धित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए उपस्थित शासकीय अधिवक्ताओं से एक-एक वाद के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए प्रभावी पैरवी कर निस्तारण कराए जाने के निर्देश दिए।
इस दौरान जिलाधिकारी ने जनपद में माह मार्च में 51 अपराधियों को सजा दिलाए जाने पर शासकीय अधिवक्ताओं से कहा कि पैरवी और अधिक संवेदनशील होकर की जाए ताकि अपराधी को अपने द्वारा किए गए अपराध की सजा दिलाई जा सके। उन्होंने कहा पास्को एक्ट व महिला उत्पीड़न के सहित अन्य मुकदमों में प्रभावी ढंग से पैरवी करते हुए दोषियों को सजा दिलाएं।
जिलाधिकारी ने अभियोजन अधिकारियों एवं शासकीय अधिवक्ताओं से कहा कि गैंगस्टर, महिलाओं और बच्चों से संबंधित आपराधिक मामलों का निर्धारित समयावधि के अंतर्गत निस्तारण कराया जाना सुनिश्चित करें, हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए कि हम न्याय समय से दिला सकें। उन्होंने कहा कि शासन के मंशानुरूप महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध अपराधों से संबंधित वादों में शीघ्रता लाते हुए गवाहों को बुलाकर न्यायालय में वादो को तय कराकर अभियुक्त को अधिक से अधिकतम सजा दिलाई जाए। उन्होने कहा कि महिलाओं से संबधित अपराध, हत्या, अपहरण, बलात्कार जैसी घटनाओं का चार्ट अलग बनाया जाए। उन्होंने पास्को एक्ट में पैरोकार की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारित करते हुए अधिक से अधिक दोषियों को सजा दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए जिससे अपराधियों को यह मैसेज जाए कि छोटे से छोटा अपराध करने पर भी वह सजा से बच नहीं सकते।
इस दौरान बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरुण कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक अभियोजन देशराज सिंह, विजय सिंह कुशवाहा डीजीसी, मृदुलकांत श्रीवास्तव डीजीसी, संजय पाण्डेय एडीजीसी, नरेंद्र कुमार खरे विशेष लोक अभियोजक पास्को, अतुलेश कुमार सक्सेना एडीजीसी, रवि प्रकाश गोस्वामी एडीजीसी, दीपक तिवारी विशेष लोक अभियोजक एनटीपीसी, अधिवक्ता सहित समस्त जिला शासकीय अधिवक्तागण, सहायक शासकीय अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक, एपीओ आदि उपस्थित रहे।
झांसी : कौन थे वो लोग : जिन्हे मरने के बाद नहीं मिला अपनों का कंधा
नसीब हुआ तो सिर्फ पुलिस का दिया कफन जिसमें लिपटकर पहुंच गए शमशान और कब्रिस्तान
तीन माह में झांसी में मिले 50 अज्ञात शव , पुलिस खोज रही परिजनों को
स्पेशल रिपोर्टर डेस्क / झांसी। जीते जी अपनों का सहारा मिला हो या न मिला हो, लेकिन मरने के बाद नहीं मिला उनका कंधा। नसीब हुआ तो सिर्फ पुलिस का दिया कफन जिसमें लिपटकर पहुंच गए शमशान और कब्रिस्तान। ये हाल हुआ झांसी में गत तीन माह में दुर्घटना, ट्रेन से कटकर, पानी में डूबने, बीमारी या किसी अन्य कारणों से जान गंवाने वाले चालीस अज्ञात लोगों का। जिनकी शिनाख्त नहीं हो सकी।
न मरने वाले का पता चला न मारने वाले, पुलिस ढूंढ रही पहचान कराने वाले
गुमनाम लाशों को लेकर पुलिस संवेदनहीन बनी हुई है। इस साल के तीन माह के भीतर महिलाओं समेत चालीस अज्ञात शव मिल चुके हैं। इनमें एक महिला की हत्या की पुष्टि हुई है। पुलिस कातिलों को पकड़ना तो दूर शव की पहचान तक नहीं करा सकी। अलबत्ता, जीडी में हर महीने कम से कम एक पर्चा काटकर विवेचक शव की शिनाख्त कराने में खुद के गंभीर होने का कागजी परिचय देता है। अज्ञात शवों को लेकर जिले की पुलिस का संवेदनहीन रवैया सामने आया। जिन शवों की पहचान हो जाती है, उनके घरवालों से तहरीर लेकर पुलिस घटना का खुलासा कर देती है। लेकिन जिन लोगों की पहचान तक नहीं हो पाती उनकी शिनाख्त कराने व कातिल की गिरफ्तारी के लिए सिर्फ कागजी औपचारिकता निभाई जाती है।
इन थानों क्षेत्र में मिली है लाशें
झांसी में 50 अज्ञात शव पड़े मिले हैं। इनमें नवाबाद थाना क्षेत्र में 12, सीपरी बाजार में नौ, जीआरपी थाना क्षेत्र में नौ, प्रेमनगर थाना क्षेत्र में तीन, बड़ागांव, मोंठ, चिरगांव, कोतवाली, सदर बाजार, बरुआसागर, बबीना थाना क्षेत्र में शामिल है। बताते हैं कि सात जनवरी 2025 से अज्ञात शव मिलने की शुरुआत नवाबाद थाना क्षेत्र से हुई थी। यह सिलसिला जारी है। मार्च माह में जीआरपी थाना क्षेत्र में ट्रेन से कटकर अज्ञात युवक की मौत हुई थी। यह घटना 28 मार्च 2025 की है।
अंतिम संस्कार पड़ता है पुलिस की जेब पर भारी
पुलिस का कहना है कि अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार करना पुलिस की जेब पर भारी पड़ता है। सरकार की ओर से अज्ञात शवों के क्रियाकर्म के लिए कोई बजट निर्धारित नहीं किया गया है। पुलिसकर्मियों को नगर निगम, परिषद या फिर पालिका के सहयोग व अपनी जेब से खर्च वहन करना पड़ता है। लड़कियों की व्यवस्था तो नगर निगम या परिषद से करवा ली जाती है, लेकिन अन्य खर्च पुलिसकर्मियों को ही उठाना पड़ता है।
अज्ञात शवों की विसरा रिपोर्ट नहीं मंगवाती पुलिस
पुलिस इन लोगों में से ज्यादातर की मौत का वास्तविक कारण जानने का प्रयास भी नहीं करती। यही कारण है कि पुलिस अमूमन अज्ञात शवों की विसरा रिपोर्ट नहीं मंगवाती। विसरा रिपोर्ट किसी की मौत का असल कारण जानने के लिए होती है। पुलिस पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर की ओर से बताए गए मौत के प्राथमिक कारण को ही सही मानते हुए मामला दर्ज कर लेती है और फिर बाद में न्यायालय के जरिए अंतिम रिपोर्ट (एफआर) दे देती है।
एसआर केस में हर महीने देनी होती है रिपोर्ट
पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक, लाश की शिनाख्त हो या नहीं, लेकिन अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की बात सामने आती है तो उसे एसआर केस में दर्ज करना होता है। विवेचक को महीने में कम से कम एक या दो पर्चे काटकर यह बताना होता है कि उसने शिनाख्त कराने या कातिल को पकड़ने की दिशा में क्या कदम उठाया। इसके बाद भी जिले में सारी कार्रवाई कागजी औपचारिकता के बीच सिमटी नजर आ रही है।
यह है शव की पहचान कराने का नियम
अज्ञात शव मिलने के बाद कम से कम दो सौ किलोमीटर के दायरे वाले थाने में पुलिस भेजकर मैनुअल तरीके से पहचान करानी होती है। खासकर दूसरे थानों में अगर मृतक की उम्र व हुलिए वाले व्यक्ति की गुमशुदगी लिखी होती है तो उसके वादी से पहचान कराई जानी चाहिए। डीसीआरबी व एनसीआरबी में भी सूचना अपलोड करनी होती है। सोशल, प्रिंट, इलेक्ट्रानिक मीडिया के जरिए प्रचार-प्रसार कराना होता है। सूत्रों की मानें तो इसके लिए शासन से बजट भी मिलता लेकिन वह विवेचक को नहीं मिल पाता। जिससे कोई विवेचक ऐसे मामलों के खुलासे में दिलचस्पी नहीं दिखाता।
क्या कहते है अधिकारी
इस मामले में पुलिस अधीक्षक नगर ज्ञानेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि शिनाख्त कराने के लिए सोशल, प्रिंट, इलेक्ट्रानिक मीडिया का सहारा लिया जाता है। इसके अलावा डीसीआरबी व अन्य माध्यमों से पहचान कराने का प्रयास किया जाता है। जल्द शिनाख्त कराने के निर्देश दिए गए हैं।