
चैत्र नवरात्रि पर्व पर हिंदू आस्था पर हुआ प्रहार
जिला अस्पताल के पास बने हुए पुराने शिव मंदिर को पुलिस ने हटाया
दोषी चौकी इंचार्ज विवेक निलंबित , एस पी ने दिए जांच के आदेश
ललितपुर। चैत्र माह में शुरू हुए हिंदू आस्था का प्रतीक नवदुर्गा महोत्सव के पहले दिन ही हिंदुओं की आस्था पर पुलिस द्वारा उस समय प्रहार किया गया, जब शहर के जिला अस्पताल परिसर की जमीन में स्थापित पुराने मंदिर की मूर्ति को चौकी इंचार्ज द्वारा तथाकथित के बहकावे में आकर फेंक दिया गया। इस बात की जानकारी जैसे ही हिंदूवादी संगठनों के अलावा आसपास के हिंदुओं को हुई, तो उन्होंने इस पर कड़ा आक्रोश जताया और देर शाम एकत्रित हो कर सदर कोतवाली पहुंचे, जहां उन्होंने पुलिस का घेराव करते हुए दोषी चौकी इंचार्ज को हटाने की मांग उठाई और जमकर धरना प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी भी की। हालांकि घटना की सूचना पाकर अपर पुलिस अधीक्षक क्षेत्राधिकारी सदर कोतवाली पहुंच गए और हिंदुओं को चौकी इंचार्ज पर कार्यवाही करने का आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन शांत कराया। थोड़ी ही देर बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर चौकी इंचार्ज को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक को उक्त मामले की जांच सौंप दी। जब चौकी इंचार्ज की निलंबित होने की सूचना मिली तब हिंदूवादी नेताओं संगठनों और हिंदुओं में पनपता आक्रोश शांत हुआ।
मिली जानकारी के अनुसार शहर के जिला चिकित्सालय परिसर के बाहर जिला चिकित्सालय की ही जमीन में एक छोटे से चबूतरे पर शंकर जी का मंदिर बना हुआ था, जहां मूर्ति स्थापित थी और लोग श्रद्धा के साथ पूजन अर्चन भी करते थे। लेकिन चैत्र माह की नवदुर्गा के पहले दिन ही अस्पताल परिसर में संचालित सिविल लाइन चौकी इंचार्ज विवेक धामा द्वारा कुछ तथा कथित लोगों के बहकावे में आकर वहां से शंकर जी की मूर्ति को हटा दिया और पूजा नार्कन की सामग्री को भी चित्र बेहतर करते हुए चबूतरे को हटाने का प्रयास किया। चौकी इंचार्ज का यह कृत जब आसपास के लोगों ने देखा तो तत्काल इसकी सूचना हिंदूवादी संगठनों को दी। घटना की सूचना पर तत्काल हिंदूवादी संगठनों के साथ-साथ आसपास के हिंदू एकत्रित हुए और तत्काल चौकी इंचार्ज के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सदर कोतवाली पहुंचे जहां सभी ने जमकर धरना प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। उक्त घटना की सूचना जैसे ही अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार को मिली वैसे ही अपर पुलिस अधीक्षक क्षेत्र अधिकारी सदर अजय कुमार के साथ सदर कोतवाली जा पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर मामला शांत करने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी चौकी इंचार्ज के निलंबन की मांग कर रहे थे। इसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक ने निलंबन का श्वसन भी दिया लेकिन हिंदूवादी संगठन और हिंदू वहां से हटने को तैयार नहीं थे इस मामले की जानकारी जैसे ही पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुस्ताक को मिली उन्होंने तत्काल प्रथम दृष्टवा टॉकिंग चार्ज को दोषी मानते हुए उन पर निलंबन की कार्यवाही की और पुलिस महिकमें को उक्त निलंबन से अवगत कराया। जब चौकी इंचार्ज की निलंबन की सूचना हिंदूवादी संगठनों को मिली तब उनका आक्रोश थमा।
चौकी इंचार्ज क्या हिन्दुओं का विरोधी है ?
इस मामले में हिंदूवादी नेता शुभम कौसिक के साथ अन्य हिन्दुओं का कहना है कि जिस तरह सिविल लाइन चौकी इंचार्ज विवेक धामा द्वारा जिला चिकित्सालय में ही तैनात एक डॉक्टर द्वारा दिए गए शिकायती पत्र पर हिंदुओं की आस्था पर प्रहार करते हुए मंदिर से मूर्ति को हटा दिया और चबूतरा ध्वस्त करने का प्रयास किया, उससे ऐसा लगता है कि उक्त चौकी इंचार्ज सेकुलर है और वह हिंदुओं का विरोधी है। चौकी इंचार्ज के इस कृत्य पर उसे कभी क्षमादान नहीं मिलना चाहिए। चौकी इंचार्ज ने जो कृत्य किया है उसे पर तो निलंबन नहीं उसकी बर्खास्तगी होनी चाहिए थी। इस मामले को लेकर वह मुख्यमंत्री स्तर तक भी जाएंगे।
अब सिविल लाइन चौकी इंचार्ज होंगे संजय कुमार
सिविल लाइन चौकी इंचार्ज विवेक धामा के निलंबन की कार्यवाही के बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना बानपुर में तैनात संजय कुमार दुबे को सिविल लाइन चौकी इंचार्ज के पद पर तैनात किया गया है। अब सिविल लाइन चौकी इंचार्ज के रूप में विवेक धाम के स्थान पर संजय कुमार पदभार ग्रहण करेंगे।