वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग : निचले स्तर पर मामलों को लंबित रखने वाले कर्मियों की जिम्मेदारी करें नियत – मनोज कुमार सिंह

जीरो पावर्टी अभियान की लॉचिंग इसी माह प्रस्तावित
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती प्रक्रिया को 12 अप्रैल तक करें पूरा
झांसी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जीरो पावर्टी अभियान का मुख्यमंत्री जी द्वारा लखनऊ में इसी माह बड़े स्तर पर लांच किया जाना प्रस्तावित है। लॉचिंग में अलग-अलग जनपदों के 25 से 30 हजार लाभार्थियों को पीएम आवास, सीएम आवास, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत सहित अन्य योजनाओं के लाभ वितरित किए जायेंगे।
उन्होंने कहा कि अभियान के तहत 10 लाख 46 हजार ऐसे परिवारों को चिह्नित किया गया थी, जिनके पास घर नहीं है या पक्का घर नहीं है। इसमें से 9 लाख 73 हजार परिवारों को बीडीओ द्वारा प्रमाणित (वैलिडेट) किया गया है, यह एक अच्छी प्रगति है। उन्होंने कहा कि सभी सीडीओ का प्रयास होना चाहिये, चिन्हित सभी पात्र परिवारों को पीएम आवास योजना का लाभ मिल जाये। अभियान के तहत चिन्हित परिवारों की सवा लाख रुपये की सालाना आमदनी सुनिश्चित कराना है। इसमें कौशल विकास मिशन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके लिए चिन्हित परिवारों की विभिन्न योजनाओं के तहत स्किलिंग और अपस्किलिंग के लिये योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि सीएम युवा योजना के तहत प्राप्त आवेदनों की सभी सीडीओ द्वारा नियमित मॉनीटरिंग कर ज्यादा से ज्यादा आवेदनों को स्वीकृत और डिसबर्स कराने का प्रयास किया जाये। बैंकर्स कमेटी की नियमित बैठक कर अधिक से अधिक आवेदनों के निस्तारण पर बल दिया जाये। जिन बैंकों में सर्वाधिक एप्लीकेशन पेंडिंग हैं, उन बैंकों का संबंधित जिलाधिकारी एवं सीडीओ द्वारा निरीक्षण किया जाये। रेट के पुनरीक्षण में आसपास के गांव का सर्किल रेट लगभग समान होना चाहिये। इस बात का ध्यान रखा जाये कि कहीं भी असामान्य तरीके से सर्किल रेट की बढ़ोत्तरी न हो। रेट रिवीजन की आवश्यकता न होने पर उसी सर्किल रेट को लागू किया जा सकता है। रेट रिवीजन के समय सीमावर्ती जनपदों से लगे गांव के सर्किल रेट को भी ध्यान में रखा जाये। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती प्रक्रिया को 12 अप्रैल तक पूरा करने के भी निर्देश दिये।
बैठक में प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्रीमती लीना जौहरी, प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा डॉ. हरिओम, प्रमुख सचिव श्रम डॉ. शंमुगा सुंदरम, सचिव एमएसएमई प्रांजल यादव, प्रमुख सचिव स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन अमित गुप्ता सहित एनआईसी झांसी में मण्डलायुक्त बिमल कुमार दुबे, जिलाधिकारी अविनाश कुमार, सीडीओ जुनैद अहमद एंव अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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झांसी : मांग रहा था गुण्डा टैक्स , पुलिस ने पकड़ा तो चलायी गोली हुआ लंगड़ा , मुठभेड़ में गिरफ्तार

व्यापारी से मांग रहा था पंद्रह लाख की रंगदारी
बालेन्द्र गुप्ता / झांसी। चिरगांव में एक व्यापारी से पंद्रह लाख रुपए की रंगदारी मांगने के आरोप में फरार चल रहे शातिर अपराधी की दिनदहाड़े स्वाट टीम से मुठभेड़ हो गई। जिसमें बदमाश के एक पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया। पुलिस टीम ने उसके कब्जे से एक तमंचा कारतूस सहित बिना नंबर की बाइक अपाचे बरामद कर ली। इधर मुठभेड़ की सूचना मिलते ही पुलिस अफसर घटना स्थल की ओर रवाना हो गए।
विवरण के मुताबिक चिरगांव थाना क्षेत्र के डेरा निवासी शातिर अपराधी धीरेंद्र राजपूत पर दर्जनों अपराधिक मामले दर्ज है। उस पर अभी हाल ही में चिरगांव में एक सराफा व्यापारी से पंद्रह लाख की रंगदारी न देने पर हत्या करने के आरोप में मुकदमा दर्ज है। इधर व्यापारी से रंगदारी मांगने का मामला एसएसपी के संज्ञान में आया तो उन्होंने स्वाट ओर संबंधित थाना पुलिस को अपराधी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने ओर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। आज दोपहर एसएसपी के निर्देशन पर स्वाट टीम ओर मोठ थाना पुलिस अपराधी की धर पकड़ में लगी थी तभी मोठ के जंगलों में फरार चल रहे अपराधी वीरेंद्र राजपूत से पुलिस टीम का आमना सामना हो गया। अपराधी ने पुलिस को देख तमंचे से फायर झोंक दिया और भागने लगा। पुलिस ने उसका पीछा करते हुए जबाव में फायरिंग की तो उसके पैर में गोली जा लगी और वह घायल हो गया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया। वही उसके कब्जे से एक तमंचा कारतूस सहित बिना नंबर की अपाचे बाइक बरामद कर ली है। पुलिस टीम उससे पूछताछ कर रही है।

 

झाँसी : फिर सजने लगी मेडिकल तिराहे पर अवैध बालू की मण्डी , शहर में वाहनों की एन्ट्री है नो एन्ट्री किसी को पता नहीं

हाइवे पर ईट से भरे ट्रक और सर्विस रोड पर बालू से भरे डम्फरों का कब्जा

ट्रैफिक पुलिस चौराहे पर पुरे दिन देखती है तमाशा

बालू के डम्फरों में नम्बर प्लेट न होने बावजूद भी नहीं करते चालान

बालेन्द्र गुप्ता / झाँसी। शहर के बगल में मेडिकल तिराहे के पास हाईवे पर सुबह-सुबह ईट-बालू की अवैध मंडी सजती है। ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की कतारें हाईवे की एक साइड को कब्जे में कर लेती हैं। लिंक रोड से तो लोग गुजरना ही भूल गये हैं क्योकि लिंक रोड पर बालू से भरे डम्फर खड़े हो जाते है। आश्चर्य ये है कि इस अवैध मंडी पर जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों की नजर या तो पड़ती नहीं, या फिर नजरें फेर ली जाती हैं।
मालुम हो कि अगर आप नेशनल हाईवे पर कानपुर से ग्वालियर या शिवपुरी जा रहे है और जो लोग मेडिकल से पैरामेडिकल जा रहे है तो कम से कम तीन स्थानों पर तो सावधानी बरतनी ही पड़ेगी। क्योकि मेडिकल तिराहे पर और पैरामेडिकल लिंक रोड तथा हाइवे की दूसरी तरफ वाहन ऐसे खड़े रहते है कि दुर्घटनाएं होती ही रहती है ।
यहां पर जनपद के सभी बालू घाटों से बालू के डम्फर आते है और कानपुर देहात व कानपुर से ईट से भरे ट्रक रात बारह बजे के बाद लिंक रोड और हाईवे पर ट्रक खड़े हो जाते हैं, जबकि दूसरी दिशा में लिंक रोड पर बालू से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का कब्जा रहता है। सुबह पांच बजे से इनकी बोली शुरू हो जाती है, जो करीब नौ बजे तक लगती है।

धड़ल्ले से चल रहा अवैध गिट्टी और बालू का कारोबार
शहर में खुलेआम सड़क पर अवैध बालू व गिट्टी का कारोबार किया जा रहा है, इसके कारण सड़कों पर जाम लगा रहता है। लेकिन प्रशासन इसको अनदेखा कर रहा है। कुछ लोग बिना पंजीयन कराए ही अवैध बालू और खनन के कारोबार को खुलेआम संचालित कर रहे हैं। इससे खनिज के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
इससे आम लोगों केे धूल खाकर परेशान होना पड़ रहा है। विभाग को राजस्व की हानि हो रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इसे अनदेखा कर रहे हैं। आलम यह है कि शहर में दर्जनों लोग अवैध बालू और गिट्टी का कारोबार खुलेआम कर रहे हैं। यह कारोबार शहर में सड़क किनारे व विभिन्न मोहल्लों में दीवारों की आड़ में चल रहा है। कई स्थानों पर सड़क किनारे संचालित होने से यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है। सड़क किनारे टाल खुलने से बालू और गिट्टी ट्रैक्टर में लोड होने से यह ट्रैक्टर सड़क पर खड़े हो रहे हैं, जिससे वाहनों को ओवरटेक करने में परेशानी हो रही है। वहीं, मोहल्लों में बालू और गिट्टी लोडिंग और अनलोडिंग होने से धूल उड़ती है, जो मकानों में जाती है। इससे बीमारी होने का खतरा बना रहता है। विभिन्न मोहल्लों में बालू और गिट्टी से लदे भारी वाहनों के प्रवेश से आवाजाही में लोगों को परेशानी हो रही है। इन कारोबारियों के पास यह कारोबार करने का कोई रजिस्टेशन नहीं है।

शहर में वाहनों की एन्ट्री है नो एन्ट्री किसी को पता नहीं
शहर में नो इंट्री का कोई इंतजाम नहीं है। ट्रैफिक पुलिस को बाय-बाय बोलते हुए बड़े वाहन धड़ल्ले से प्रवेश कर रहे हैं। इससे शहर में रोज जाम लग रहा है। जाम इस कदर कि बसस्टैंड राहगीरों को इतनी समस्या होती है राहगीर वहां से आधा घंटा से अधिक समय में निकल पाते है। रोडवेज के अलावा प्राइवेट बसें, ट्रक, ट्राला आदि बड़े वाहनों की आवाजाही दिन भर चलती है। हालांकि यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगती है, पर वाहनों की आवाजाही पुलिसकर्मियों के आंखों के सामने से होती रहती है। शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर चालक वाहनों को रोककर सवारियां भरते नजर आते हैं। चालक जहां चाहते हैं, वही स्थल स्टैंड बन जाता है।

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