झांसी : कौन थे वो लोग : जिन्हे मरने के बाद नहीं मिला अपनों का कंधा

नसीब हुआ तो सिर्फ पुलिस का दिया कफन जिसमें लिपटकर पहुंच गए शमशान और कब्रिस्तान
तीन माह में झांसी में मिले 50 अज्ञात शव , पुलिस खोज रही परिजनों को
स्पेशल रिपोर्टर डेस्क / झांसी। जीते जी अपनों का सहारा मिला हो या न मिला हो, लेकिन मरने के बाद नहीं मिला उनका कंधा। नसीब हुआ तो सिर्फ पुलिस का दिया कफन जिसमें लिपटकर पहुंच गए शमशान और कब्रिस्तान। ये हाल हुआ झांसी में गत तीन माह में दुर्घटना, ट्रेन से कटकर, पानी में डूबने, बीमारी या किसी अन्य कारणों से जान गंवाने वाले चालीस अज्ञात लोगों का। जिनकी शिनाख्त नहीं हो सकी।

न मरने वाले का पता चला न मारने वाले, पुलिस ढूंढ रही पहचान कराने वाले
गुमनाम लाशों को लेकर पुलिस संवेदनहीन बनी हुई है। इस साल के तीन माह के भीतर महिलाओं समेत चालीस अज्ञात शव मिल चुके हैं। इनमें एक महिला की हत्या की पुष्टि हुई है। पुलिस कातिलों को पकड़ना तो दूर शव की पहचान तक नहीं करा सकी। अलबत्ता, जीडी में हर महीने कम से कम एक पर्चा काटकर विवेचक शव की शिनाख्त कराने में खुद के गंभीर होने का कागजी परिचय देता है। अज्ञात शवों को लेकर जिले की पुलिस का संवेदनहीन रवैया सामने आया। जिन शवों की पहचान हो जाती है, उनके घरवालों से तहरीर लेकर पुलिस घटना का खुलासा कर देती है। लेकिन जिन लोगों की पहचान तक नहीं हो पाती उनकी शिनाख्त कराने व कातिल की गिरफ्तारी के लिए सिर्फ कागजी औपचारिकता निभाई जाती है।

इन थानों क्षेत्र में मिली है लाशें
झांसी में 50 अज्ञात शव पड़े मिले हैं। इनमें नवाबाद थाना क्षेत्र में 12, सीपरी बाजार में नौ, जीआरपी थाना क्षेत्र में नौ, प्रेमनगर थाना क्षेत्र में तीन, बड़ागांव, मोंठ, चिरगांव, कोतवाली, सदर बाजार, बरुआसागर, बबीना थाना क्षेत्र में शामिल है। बताते हैं कि सात जनवरी 2025 से अज्ञात शव मिलने की शुरुआत नवाबाद थाना क्षेत्र से हुई थी। यह सिलसिला जारी है। मार्च माह में जीआरपी थाना क्षेत्र में ट्रेन से कटकर अज्ञात युवक की मौत हुई थी। यह घटना 28 मार्च 2025 की है।

अंतिम संस्कार पड़ता है पुलिस की जेब पर भारी
पुलिस का कहना है कि अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार करना पुलिस की जेब पर भारी पड़ता है। सरकार की ओर से अज्ञात शवों के क्रियाकर्म के लिए कोई बजट निर्धारित नहीं किया गया है। पुलिसकर्मियों को नगर निगम, परिषद या फिर पालिका के सहयोग व अपनी जेब से खर्च वहन करना पड़ता है। लड़कियों की व्यवस्था तो नगर निगम या परिषद से करवा ली जाती है, लेकिन अन्य खर्च पुलिसकर्मियों को ही उठाना पड़ता है।

अज्ञात शवों की विसरा रिपोर्ट नहीं मंगवाती पुलिस
पुलिस इन लोगों में से ज्यादातर की मौत का वास्तविक कारण जानने का प्रयास भी नहीं करती। यही कारण है कि पुलिस अमूमन अज्ञात शवों की विसरा रिपोर्ट नहीं मंगवाती। विसरा रिपोर्ट किसी की मौत का असल कारण जानने के लिए होती है। पुलिस पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर की ओर से बताए गए मौत के प्राथमिक कारण को ही सही मानते हुए मामला दर्ज कर लेती है और फिर बाद में न्यायालय के जरिए अंतिम रिपोर्ट (एफआर) दे देती है।

एसआर केस में हर महीने देनी होती है रिपोर्ट
पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक, लाश की शिनाख्त हो या नहीं, लेकिन अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की बात सामने आती है तो उसे एसआर केस में दर्ज करना होता है। विवेचक को महीने में कम से कम एक या दो पर्चे काटकर यह बताना होता है कि उसने शिनाख्त कराने या कातिल को पकड़ने की दिशा में क्या कदम उठाया। इसके बाद भी जिले में सारी कार्रवाई कागजी औपचारिकता के बीच सिमटी नजर आ रही है।

यह है शव की पहचान कराने का नियम
अज्ञात शव मिलने के बाद कम से कम दो सौ किलोमीटर के दायरे वाले थाने में पुलिस भेजकर मैनुअल तरीके से पहचान करानी होती है। खासकर दूसरे थानों में अगर मृतक की उम्र व हुलिए वाले व्यक्ति की गुमशुदगी लिखी होती है तो उसके वादी से पहचान कराई जानी चाहिए। डीसीआरबी व एनसीआरबी में भी सूचना अपलोड करनी होती है। सोशल, प्रिंट, इलेक्ट्रानिक मीडिया के जरिए प्रचार-प्रसार कराना होता है। सूत्रों की मानें तो इसके लिए शासन से बजट भी मिलता लेकिन वह विवेचक को नहीं मिल पाता। जिससे कोई विवेचक ऐसे मामलों के खुलासे में दिलचस्पी नहीं दिखाता।

क्या कहते है अधिकारी
इस मामले में पुलिस अधीक्षक नगर ज्ञानेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि शिनाख्त कराने के लिए सोशल, प्रिंट, इलेक्ट्रानिक मीडिया का सहारा लिया जाता है। इसके अलावा डीसीआरबी व अन्य माध्यमों से पहचान कराने का प्रयास किया जाता है। जल्द शिनाख्त कराने के निर्देश दिए गए हैं।

Related Posts

अन्धेरगर्दी :  स्लीपर यात्री बसों का कोई मानक नहीं , इलाईट चौराहे पर चल रहा प्राइवेट बस स्टैण्ड

स्लीपर बस चालकों  की गुंडई चरम पर , शहर में देते है मौत को दावत

परिवहन व पुलिस विभाग की परमीशन से जनता से हो रहा खिलवाड़

आटोपार्ट, रेडीमेड कपड़े, आर्टिफिशियल ज्वेलरी आ रही दिल्ली और लुधियाना से

राजस्थान में हुयी घटना के बाद भी गहरी नींद में सो रहा परिवहन विभाग

झांसी। ऑल इंडिया परमिट की यात्री बसों से जीएसटी चोरी का भी बड़ा खेल चल रहा है। बस संचालकों ने मोटी कमाई के लिए बसों को ढुलाई का संसाधन बना लिया है। जीएसटी के दायरे में आने वाले सामान आटोपार्ट, रेडीमेड कपड़े, आर्टिफिशियल ज्वेलरी दिल्ली, लुधियाना में खरीद के बाद इन्हीं बसों के माध्यम से यहां पहुंच रहे हैं।

जिले के विभिन्न क्षेत्रों से सवारियां लेकर बसें झांसी पहुंचती हैं। यहां से रात दस बजे दिल्ली और कोटा के लिए करीब 12 बसें रवाना होती हैं। व्यापारी भी सामान खरीद के इरादे से इन्हीं बसों से आते-जाते हैं। इन बसों की मदद से कम भाड़े में उनका माल आसानी से यहां पहुंच जाता है। इससे जीएसटी देने से भी बच जाते हैं। बसों की वापसी भोर तीन से पांच बजे के भीतर होती है। यह राज्यकर के साथ ही पुलिस व अन्य टीम के अफसरों के सोने का समय होता है। इसी दौरान स्थानीय स्तर पर मिलीभगत करके जीएसटी चोरी को अंजाम दिया जाता है।

मालुम हो कि टूरिस्ट परमिट पर चल रही स्लीपर बसों का नगर से होकर संचालन हो रहा है। बस संचालक नियमों की अनदेखी कर मनमर्जी से बसों का संचालन कर रहे हैं। जगह-जगह की सवारी बैठाकर बगैर टिकट के यात्रा करा रहे हैं तथा सामान की ढुलाई कर रहे हैं। परिवहन विभाग द्वारा बसों के संचालन के लिए नियम निर्धारित किए गए हैं। बस संचालक परिवहन विभाग के नियमों की अनदेखी कर बसों का संचालन कर रहे हैं। टूरिस्ट परमिट से चलने वाली लग्जरी स्लीपर बसों के नियम अलग बनाए गए। लेकिन नियमों का पालन कोई नहीं करता है। सवारियों को यात्रा के दौरान टिकट भी नहीं दिया जाता है। टूरिस्ट परमिट होने पर भी बस संचालक जगह-जगह की सवारी बैठा रहे हैं। सवारियों के साथ माल ढुलाई का काम भी हो रहा है। सवारी परमिट पर चल रही बसें माल ढुलाई कर रही है। परिवहन विभाग के नियमों के तहत बस संचालक को सवारियों की बुकिंग करना आवश्यक है तथा सवारियों को जीएसटी सहित टिकट देना अनिवार्य है। इसके साथ ही सीटों की संख्या के आधार पर ही सवारियों को टिकट बुकिंग संभव है। टूरिस्ट परमिट बस संचालक सवारियों को गैलरी में स्टूल व जमीन पर भी सवारियों पर टिकट बना रहे हैं। इसके बाद भी परिवहन विभाग द्वारा इन बसों व संचालित बुकिंग काउंटरों की चेकिंग करने की जहमत नहीं उठाई जा रही है।

ये है एक राज्य उसे दूसरे में आयात-निर्यात का प्रावधान

एक से दूसरे राज्य में वस्तुओं या सेवाओं की आवाजाही पर आईजीएसटी (एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर) का प्रावधान है। आयात और निर्यात पर यह कर प्रभावी है, जबकि राज्य व राष्ट्रीय सीमाओं को पार करने पर समान कर लागू है, यानि कोई भी व्यक्ति या व्यापारी नेपाल से आयात निर्यात करता है तो उन्हें समान कर देना होगा।

जुर्माने का प्रावधान है

सामान बेचने के लिए जो व्यक्ति सीजीएसटी और एसजीएसटी अधिनियम की धारा 125 के तहत बनाए गए नियमों का उल्लंघन करता है और अलग से कोई कर निर्धारित नहीं है तो उसे 25 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाता है।

बीते दिनों बरुआसागर में पलटी थी स्लीपर बस

जयपुर से मध्य प्रदेश में छतरपुर के बागेश्वर धाम जा रही एक स्लीपर बस अनियंत्रित होकर बरुआसागर के पास पलट गई थी । इस घटना में बस में सवार कई यात्री घायल हो गए। लग्जरी एसी स्लीपर बस के पलटने के बाद खजुराहो मार्ग पर खलबली मच गई और उसमें सवार यात्री घायल हो गये। राजस्थान के जयपुर से लग्जरी एसी स्लीपर बस (आरजे 09 पीए 6137) सवारियों को लेकर मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला में बागेश्वर धाम जा रही थी। बुधवार की सुबह झांसी से खजुराहो मार्ग पर बरुआ सागर के पास जब बस पहुंची तभी चालक नियंत्रण खो बैठा और अनियंत्रित बस सड़क किनारे पलट गई। इससे सवारियों में चीख पुकार मच गई थी । इस घटना से भी झाँसी परिवहन विभाग ने कोई सबक नहीं लिया।

प्रदेश समाचार / स्पेशल टीम
सम्पादक – बालेन्द्र गुप्ता

परीक्षा में डुप्लीकेट परीक्षार्थी शामिल ना हो,कक्ष निरीक्षकों द्वारा की जाए प्रॉपर जांच : जिलाधिकारी

01 नवंबर को आयोजित होने वाली परीक्षा में 3360 अभ्यर्थी होंगे शामिल एवं 02 नवंबर को आयोजित होने वाली परीक्षा में 3120 अभ्यर्थी होंगे शामिल
समस्त परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे सहित वॉइस रिकॉर्डर की क्रियाशीलता का किया निरीक्षण
परीक्षा के दौरान सभी स्टेटिक मजिस्ट्रेट/सेक्टर मजिस्ट्रेट परीक्षा केंद्रों पर रहेगें मौजूद
जनपद में द0प्र0स0 की धारा- 163 प्रभावी रहेगी, जिसका अधिकारी /मजिस्ट्रेट सख्ती से अनुपालन कराना सुनिश्चित करें
नगर के 10/11 परीक्षा केंद्रों पर 01एंव 02 नवंबर 2025 को एक पाली में उ0प्र0 पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति भर्ती बोर्ड लखनऊ की परीक्षा होगी आयोजित
झांसी। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने जनपद में उत्तर प्रदेश पुलिस भतीॅ एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड पदों पर सीधी भर्ती-2023 की दिनांक 01 नवंबर 2025 को तथा पुलिस उप निरीक्षक गोपनी सहायक उपनिरीक्षक लेखा के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा का आयोजन दिनांक 01नवंबर-2025 को एक पाली में पूर्वान्ह 10:00 से 12:00 तक तथा 02 नवंबर-2025 एक पाली पूर्वान्ह 10.00 बजे से 12.30 बजे तक आयोजित होने वाली परीक्षा कि तैयारियों को अंतिम रूप दिया।
जिलाधिकारी ने उपस्थित सेक्टर मजिस्ट्रेट स्टैटिक मजिस्ट्रेट सहित केन्द्र व्यवस्थापकों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनपद में नकल किसी भी दशा में बर्दास्त नही होगी। परीक्षा में डुप्लीकेट परीक्षार्थी किसी भी दशा में शामिल नहीं हो, इसे उन्होंने कक्ष निरीक्षकों से सावधानी पूर्वक जांच करते हुए सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र का गंभीरता से परीक्षंण उपरांत ही कक्ष में प्रवेश कराया जाए।
नगर में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ( कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेट-ए/लिपिक संवर्ग)-15- 2025 के कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेट पदों पर सीधी भर्ती-2023 की परीक्षा 11 केंद्रों पर दिनांक 01नवंबर -2025 को तथा 02 नवंबर-2025 पुलिस उप निरीक्षक गोपनीय सहायक उपनिरीक्षक लेखा के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा 10 परीक्षा केंद्रों पर संपादित होगी। परीक्षा केंद्रों के निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रधानाचार्य अथवा केन्द्र व्यवस्थापकों को परीक्षा केन्द्र में सीसीटीवी कैमरा,वॉइस रिकॉर्डर के साथ विद्युत व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, रैम्प आदि की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किये जाने के निर्देश दिए। परीक्षा केंद्र पर मोबाइल फोन, एंड्राइड फोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक गजट परीक्षा केंद्र के अंदर पूर्ण प्रतिबंधित रहेगें, उन्होंने परीक्षार्थियों की जांच के दौरान ही अलग कक्ष में जमा कराने की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि नकल विहीन और स्वच्छता पूर्ण परीक्षा आयोजित कराने के संबंध में परीक्षार्थियों की तलाशी सावधानीपूर्वक ली जाए, विशेष रूप से महिला परीक्षार्थियों की तलाशी महिला शिक्षिका द्वारा ही लिए जाने के निर्देश दिए।परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त पुलिस बल की उपलब्धता, इसके अतिरिक्त सभी परीक्षा केंद्रों पर पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा लगातार भ्रमण किए ज़ाने के निर्देश दिए। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन शिव प्रताप शुक्ल, पुलिस अधीक्षक नगर सुश्री प्रीति सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक श्रीमती रति वर्मा सहित समस्त केन्द्र व्यवस्थापक स्टैटिक एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट उपस्थित रहें।
प्रदेश समाचार / सिटी रिपोर्टर झाँसी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *