बरुआसागर : बंद कमरे में मिली सड़ी-गली युवक की लाश , फैली सनसनी

इलाके मे दुर्गंध आने पर हुई घटना की जानकारी
लॉक था कमरा, पुलिस छत के सहारे कमरे में पहुंची पड़ा था शव
पानी-खाना न मिलने से मौत की आशंका

झांसी। बुंदेलखंड के झांसी जनपद में बरुआसागर थाना क्षेत्र में सनसनीखेज मामला सामने आया है। मोहल्ला रक्षामाई मंदिर के पास बंद कमरे में युवक की सड़ी-गली लाश मिली। देर शाम इलाके में तीखी दुर्गंध आने पर घटना की जानकारी हो हुई। छत सहारे पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
विवरण के मुताविक मोहल्ला रक्षामाई मंदिर के पास रहने वाला धर्मेंद्र रजक (42) बेटा जगदीश रजक लवका बीमारी से पीड़ित था। उसका छोटा भाई आकाश उसकी देखभाल करता था। पिछले दिनों वह कहीं चला गया। इसके बाद लौटकर नहीं आया। शनिवार देर इलाके के लोग घरों के बाहर थे। तभी उन्हें धर्मेद्र के घर से तीखी दुर्गंध आई। लेकिन, पूरा मकान अंदर से बद था। जिससे आसपास हड़कंप मच गया। आनन-फानन में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी निरीक्षक शिवजीत सिंह राजावत , उपनिरीक्षक रामकृपाल सिंह, उपनिरीक्षक राकेश पुलिस बल के साथ पहुंचे। उन्होंने घटना स्थल का जायजा लिया। छत के सहारे पुलिस कमरे में पहुंची तो अंदर धर्मेंद्र की सड़ी-गली लाश पड़ी थी। उससे तीखी दुर्गंध आ रही थी। पुलिस ने तुरंत गेट खोला गया। पुलिस न शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थाना पुलिस की मानें तो शव पांच से छह दिन पुराना लग रहा है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।

क्या बोले थानाध्यक्ष शिवजीत सिंह
इस सम्बन्ध में थानाध्यक्ष शिवजीत सिंह राजावत ने बताया कि रक्षा माई मंदिर के पास से फोन आया कि एक मकान से बहुत बदबू आ रही है तो मौके पर जाकर देखा तो वहां बाहर से मकान पर लॉक लगे हुए थे । फिर छत पर जाकर कमरे में जाकर देखा तो धर्मेंद्र रजक मृत अवस्था में पड़ा था । उसके शरीर में कीड़े पड़ गए थे लोगों द्वारा बताया गया है कि मृतक धर्मेंद्र छत से कूदने के वजह से पैरालिसिस हो गया था वह ना चल पाता था और ना ही बोल पाता था एवं उसका छोटा भाई अरविंद पर 13 मुकदमा कानपुर, दो मुकदमे थाना नवाबाद, एक मुकदमा सीपरी बाजार में दर्ज है ।एवं आकाश जो मृतक धर्मेंद्र की देखभाल करता था उस पर भी मध्य प्रदेश में कई आपराधिक मुकदमे दर्ज मौके पर फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया था ।

क्या बोले मुहल्ला वासी
आसपास लोगों से पूछताछ की गई। जिसमें पड़ोसियों ने बताया कि धर्मेद्र और छोटे भाई अरविदं और आकाश अपराध जुड़े रहे हैं। धर्मेद्र की देखभाल उसका छोटा भाई आकाश करता था। वह पिछले कई दिनों से दिखाई नहीं दिया है। आशंका जताई कि खाना और पानी न मिलने से उसकी मौत हो गई होगी। फिर भी जांच की जा रही है। इसी के बाद ही स्पष्ट कहा जा सकता है। पुलिस के अनुसार छोटा भाई अरिवंद पर झांसी और कानपुर में कई मामले दर्ज बताए जा रहे हैं। मामले की जांच की जा रही है।
वहीं लोगों द्वारा बताया गया कि मृतक धर्मेंद्र की मां का देहांत हो चुका है और धर्मेन्द्र के पिता जगदीश जो कहीं बाहर रहते हैं । जांच के बाद पता चलेगा आखिर मामला क्या है।
रिपोर्ट – पवन जैन बरुआसागर

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झांसी : मांग रहा था गुण्डा टैक्स , पुलिस ने पकड़ा तो चलायी गोली हुआ लंगड़ा , मुठभेड़ में गिरफ्तार

व्यापारी से मांग रहा था पंद्रह लाख की रंगदारी
बालेन्द्र गुप्ता / झांसी। चिरगांव में एक व्यापारी से पंद्रह लाख रुपए की रंगदारी मांगने के आरोप में फरार चल रहे शातिर अपराधी की दिनदहाड़े स्वाट टीम से मुठभेड़ हो गई। जिसमें बदमाश के एक पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया। पुलिस टीम ने उसके कब्जे से एक तमंचा कारतूस सहित बिना नंबर की बाइक अपाचे बरामद कर ली। इधर मुठभेड़ की सूचना मिलते ही पुलिस अफसर घटना स्थल की ओर रवाना हो गए।
विवरण के मुताबिक चिरगांव थाना क्षेत्र के डेरा निवासी शातिर अपराधी धीरेंद्र राजपूत पर दर्जनों अपराधिक मामले दर्ज है। उस पर अभी हाल ही में चिरगांव में एक सराफा व्यापारी से पंद्रह लाख की रंगदारी न देने पर हत्या करने के आरोप में मुकदमा दर्ज है। इधर व्यापारी से रंगदारी मांगने का मामला एसएसपी के संज्ञान में आया तो उन्होंने स्वाट ओर संबंधित थाना पुलिस को अपराधी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने ओर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। आज दोपहर एसएसपी के निर्देशन पर स्वाट टीम ओर मोठ थाना पुलिस अपराधी की धर पकड़ में लगी थी तभी मोठ के जंगलों में फरार चल रहे अपराधी वीरेंद्र राजपूत से पुलिस टीम का आमना सामना हो गया। अपराधी ने पुलिस को देख तमंचे से फायर झोंक दिया और भागने लगा। पुलिस ने उसका पीछा करते हुए जबाव में फायरिंग की तो उसके पैर में गोली जा लगी और वह घायल हो गया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया। वही उसके कब्जे से एक तमंचा कारतूस सहित बिना नंबर की अपाचे बाइक बरामद कर ली है। पुलिस टीम उससे पूछताछ कर रही है।

 

झाँसी : फिर सजने लगी मेडिकल तिराहे पर अवैध बालू की मण्डी , शहर में वाहनों की एन्ट्री है नो एन्ट्री किसी को पता नहीं

हाइवे पर ईट से भरे ट्रक और सर्विस रोड पर बालू से भरे डम्फरों का कब्जा

ट्रैफिक पुलिस चौराहे पर पुरे दिन देखती है तमाशा

बालू के डम्फरों में नम्बर प्लेट न होने बावजूद भी नहीं करते चालान

बालेन्द्र गुप्ता / झाँसी। शहर के बगल में मेडिकल तिराहे के पास हाईवे पर सुबह-सुबह ईट-बालू की अवैध मंडी सजती है। ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की कतारें हाईवे की एक साइड को कब्जे में कर लेती हैं। लिंक रोड से तो लोग गुजरना ही भूल गये हैं क्योकि लिंक रोड पर बालू से भरे डम्फर खड़े हो जाते है। आश्चर्य ये है कि इस अवैध मंडी पर जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों की नजर या तो पड़ती नहीं, या फिर नजरें फेर ली जाती हैं।
मालुम हो कि अगर आप नेशनल हाईवे पर कानपुर से ग्वालियर या शिवपुरी जा रहे है और जो लोग मेडिकल से पैरामेडिकल जा रहे है तो कम से कम तीन स्थानों पर तो सावधानी बरतनी ही पड़ेगी। क्योकि मेडिकल तिराहे पर और पैरामेडिकल लिंक रोड तथा हाइवे की दूसरी तरफ वाहन ऐसे खड़े रहते है कि दुर्घटनाएं होती ही रहती है ।
यहां पर जनपद के सभी बालू घाटों से बालू के डम्फर आते है और कानपुर देहात व कानपुर से ईट से भरे ट्रक रात बारह बजे के बाद लिंक रोड और हाईवे पर ट्रक खड़े हो जाते हैं, जबकि दूसरी दिशा में लिंक रोड पर बालू से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का कब्जा रहता है। सुबह पांच बजे से इनकी बोली शुरू हो जाती है, जो करीब नौ बजे तक लगती है।

धड़ल्ले से चल रहा अवैध गिट्टी और बालू का कारोबार
शहर में खुलेआम सड़क पर अवैध बालू व गिट्टी का कारोबार किया जा रहा है, इसके कारण सड़कों पर जाम लगा रहता है। लेकिन प्रशासन इसको अनदेखा कर रहा है। कुछ लोग बिना पंजीयन कराए ही अवैध बालू और खनन के कारोबार को खुलेआम संचालित कर रहे हैं। इससे खनिज के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
इससे आम लोगों केे धूल खाकर परेशान होना पड़ रहा है। विभाग को राजस्व की हानि हो रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इसे अनदेखा कर रहे हैं। आलम यह है कि शहर में दर्जनों लोग अवैध बालू और गिट्टी का कारोबार खुलेआम कर रहे हैं। यह कारोबार शहर में सड़क किनारे व विभिन्न मोहल्लों में दीवारों की आड़ में चल रहा है। कई स्थानों पर सड़क किनारे संचालित होने से यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है। सड़क किनारे टाल खुलने से बालू और गिट्टी ट्रैक्टर में लोड होने से यह ट्रैक्टर सड़क पर खड़े हो रहे हैं, जिससे वाहनों को ओवरटेक करने में परेशानी हो रही है। वहीं, मोहल्लों में बालू और गिट्टी लोडिंग और अनलोडिंग होने से धूल उड़ती है, जो मकानों में जाती है। इससे बीमारी होने का खतरा बना रहता है। विभिन्न मोहल्लों में बालू और गिट्टी से लदे भारी वाहनों के प्रवेश से आवाजाही में लोगों को परेशानी हो रही है। इन कारोबारियों के पास यह कारोबार करने का कोई रजिस्टेशन नहीं है।

शहर में वाहनों की एन्ट्री है नो एन्ट्री किसी को पता नहीं
शहर में नो इंट्री का कोई इंतजाम नहीं है। ट्रैफिक पुलिस को बाय-बाय बोलते हुए बड़े वाहन धड़ल्ले से प्रवेश कर रहे हैं। इससे शहर में रोज जाम लग रहा है। जाम इस कदर कि बसस्टैंड राहगीरों को इतनी समस्या होती है राहगीर वहां से आधा घंटा से अधिक समय में निकल पाते है। रोडवेज के अलावा प्राइवेट बसें, ट्रक, ट्राला आदि बड़े वाहनों की आवाजाही दिन भर चलती है। हालांकि यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगती है, पर वाहनों की आवाजाही पुलिसकर्मियों के आंखों के सामने से होती रहती है। शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर चालक वाहनों को रोककर सवारियां भरते नजर आते हैं। चालक जहां चाहते हैं, वही स्थल स्टैंड बन जाता है।

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