
माफिया पर लाखों की जमीन हड़पने, फर्जी बैनामा कराने और रंगदारी मांगने का आरोप
न्याय के लिये विकलांग ने दरवाजा खटखटाया पुलिस कप्तान का
झाँसी। झांसी के एक चर्चित जमीन माफिया पर एक विकलांग दलित व्यक्ति ने अपनी लाखों रुपये की जमीन का फर्जी बैनामा कराकर हड़पने और विरोध करने पर बंदूक की दम पर धमकाने के साथ-साथ अवैध रूप से रंगदारी मांगने का आरोप लगाया है। इस मामले की शिकायत विकलांग दलित ने न्याय के लिए पुलिस कप्तान का दरवाजा खटखटाया है और उसने अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
विवरण के मुताविक प्रेमनगर थाना क्षेत्र के नैनागढ़ निवासी महेंद्र अहिरवार ने अपने परिजनों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय पहुँचकर एक शिकायती पत्र सौंपा। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि माफिया गैंग से जुड़े के एक सदस्य ने उनके एक रिश्तेदार के साथ मिलकर उनकी लाखों रुपये कीमत की जमीन का फर्जी बैनामा करा लिया। पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने उनके बैंक खाते से अपने रिश्तेदार के खाते में पैसे डलवाकर उनकी जमीन धोखे से हड़प ली। उसने शिकायती पत्र में यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस और अन्य अधिकारियों से की, तो उक्त दबंग व्यक्ति अपने गुर्गों के साथ उनके घर पहुंचा। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी ने उन्हें बंदूक की नोक पर धमकाया और उनके साथ मारपीट की, साथ ही दस लाख रुपये की रंगदारी की भी मांग की और कहा की अगर तुमने दोबारा कोई शिकायत की तो जान से मार दिए जाओगे।
मालुम हो कि जिस जमीन माफिया पर विकलांग दलित ने आरोप लगाया है उसके खिलाफ कि कुछ दिनों पहले भी शहर के एक धनाढ्य व्यक्ति ने इसी प्रकार उस माफिया गैंग के एक दबंग गुर्गे पर उसकी जमीन कब्जाने और धमकाने का आरोप लगाते हुए अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानपुर जोन के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया था। इस नए मामले के सामने आने से बाहरी माफिया गैंग के गुर्गों द्वारा झाँसी में भी सक्रिय होकर लोगों को परेशान करने और उनकी संपत्तियों पर कब्जा करने की आशंका बढ़ गई है। पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है और पीड़ित महेंद्र अहिरवार द्वारा दिए गए शिकायती पत्र के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाती है और पीड़ित को न्याय दिला पाती है या नहीं। इस घटना ने एक बार फिर संगठित अपराध और माफिया तत्वों के प्रभाव को उजागर किया है, जो कमजोर और असहाय लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। पीड़ित पुलिस कप्तान से न्याय की गुहार लगायी है।