कलयुगी पुत्र ने पिता को पीट पीटकर मार डाला

कुछ समय पूर्व ही जमानत पर रिहा हुआ था जेल से पुत्र , पुलिस तलाश में जुटी 
महोबा। जिले के मंगरौल कला गांव में काम करने के लिए कहने पर कलयुगी पुत्र ने अपने ही पिता को लाठी डंडो से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी पुत्र मौक़े से फरार हो गया। सुबह हुई इस घटना से इलाके में हड़कम्प मचा हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक पिता के शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम को भेज दिया है वही पुलिस आरोपी पुत्र की गिरफ्तारी के प्रयास में जुट गई है।
कोतवाली थाना क्षेत्र के मंगरौल कला गाव में कलयुगी पुत्र रमाशंकर ने अपने पिता रामपाल पुत्र श्रीपत उम्र 46 वर्ष को लाठी डंडों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया है और वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी पुत्र मौके से फरार हो गया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम को भेज आरोपी पुत्र की तलाश में पुलिस जुट गई है। बताया जाता है कि मृतक पिता रामपाल ने अपने पुत्र रमाशंकर से काम करने के लिए कहा जिससे वह आक्रोशित हो गया और लाठी डंडों से पिटाई कर अपने ही पिता को मौत की नींद सुला दिया। बताया जाता है कि आरोपी रमाशंकर वर्ष 2016 से किसी मामले में सजा भुगत रहा था और कुछ समय पूर्व ही जमानत पर जेल से बाहर आया था। आरोपी की पत्नी पति के जेल जाने के बाद ससुराल से मायके चली गई थी l आरोपी नशे का लती बताया जा रहा है जिसके चलते आज उसने इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गया है फिलहाल पुलिस मृतक पिता के शव को पोस्टमार्टम को भेज आरोपी पुत्र की तलाश में जुटी हुई है। मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि कुलपहाड़ कोतवाली क्षेत्र के मंगरौल कला गाँव में पुत्र द्वारा अपने ही पिता की सोते समय लाठी डंडो से पीटकर हत्या करने की सूचना प्राप्त हुई थी तत्काल मौक़े पर पुलिस फ़ोर्स ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम को भेज आरोपी पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर अन्य विधिक कार्यवाही की जाएगी। जाँच करने पर पता चला है कि आरोपी पुत्र मानसिक रूप से विक्षिप्त है।

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स्वामी गोवर्धन नाथ को जनप्रतिनिधियों के संयुक्त प्रयास से ही मिलेगा राजकीय मेले का दर्जा
इस मेले का ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है
महोबा। बुन्देलखण्ड के महोबा जिले में चरखारी ऐसा नगर है जो अपने उद्भव काल से ही बेहद समृद्धशाली रहा है l यहाँ कि नैसर्गिक प्राकृतिक सुंदरता हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है यहाँ के हरियाली से आच्छादित पहाड़, यहाँ का मंगलगढ़ दुर्ग, यहाँ कमल के पुष्पों से आच्छादित सरोवरों को देखकर ही प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं. गोविन्द वल्लभ पंत द्वारा नगर को बुन्देलखण्ड के कश्मीर की संज्ञा दी गई थी इसी के साथ चरखारी स्टेट के राजाओं द्वारा नगर को धार्मिक, व्यापारिक, और सांस्कृतिक रूप से भी बेहद समृद्वशाली बनाया गया था, 108 कृष्ण मंदिरों के एक साथ नगर के गौवर्धन नाथ मेला परिसर में विराजने के साथ कार्तिक मास में होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, एक माह तक लगने वाले गौवर्धन मेला जिसका आज भी जीता जागता प्रमाण है, जिसमें क्षेत्रीय आम लोगों की अत्यधिक सहभागिता रहती है मेले का ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है लेकिन अफसोस सरकार और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते स्वतन्त्रता के बाद से चरखारी समृद्ध होने की बजाए अवनति की ओर ज्यादा गया है, यहाँ की उपेक्षा का आलम यह है जहाँ छोटे छोटे कस्बों में भी आदर्श बस स्टैन्ड नजर आ जाते हैं वहीं तहसील मुख्यालय और विधानसभा का दर्जा प्राप्त चरखारी में अभी तक एक बस स्टैन्ड नहीं बन पा रहा है, जनता को लालीपॉप दिखाने के लिए कई बार बस स्टैन्ड का शिलान्यास किया गया जो अभी तक असितत्व विहीन है इसी प्रकार मेडीकल कालेज के बनने के लिए भी करहरा कला के पास बेहद प्रचारित करते हुए लोगों को मेडीकल कॉलेज मिलने का सपना दिखाया गया लेकिन हुआ कुछ नहीं, 1883 से निरन्तर चले आ रहे मेला सहस्त्र गोवर्धन नाथ जू एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक मेला है लेकिन जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण समुचित प्रयास न किए जाने से आज तक इस मेला को राजकीय मेला का दर्जा नहीं मिल पाया, जनप्रतिनिधियों के मेले के प्रति निष्क्रियता को दर्शाता है तथा बुन्देलखण्ड के महत्वूर्ण मेला को राजकीय मेला का दर्जा नहीं मिल पा रहा है। उदासीनता की वजह से ही
स्वतन्त्रता के पूर्व मंदिर श्री बटुक भैरव नाथ जी का 8 दिन लगने वाला मेला और गणगौर मंदिर का मेला अब पूर्णरूप से बन्द हो चुके हैं l मेला सहस्त्र श्री स्वामी गोवर्धन्नाथ जू महाराज को लगते हुए 141 वर्ष पूर्ण हो चुके है जिसे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के गौरव के रूप में जाना जाता है तथा ख्याति प्राप्त मेला है लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा जिस तरह से इस मेला की उपेक्षा की जाती है वह निन्दनीय है तथा मेले के गौरवशाली इतिहास की उपेक्षा है। हालांकि विधान परिषद सदस्य एमएलसी जितेन्द्र सिंह सेंगर के आम लोगों की भावनाओं को सदन में पुरजोर तरीके से रखने की वजह से लोगों में आशा का संचार हुआ है क्योंकि एमएलसी जितेन्द्र सिंह सैंगर द्वारा चरखारी मेला और कजली मेला महोबा को लेकर राजकीय मेले की मांग रखी गई है जिससे लोगों में मेले के दिन बहुरने की आस जगी है। आम लोगों की माँग है कि यहाँ के जिला एवं तहसील के सभी जनप्रतिनिधियों को अभी से एक साथ संयुक्त प्रयास करना चाहिए जिससे चरखारी मेला के लगने के समय कार्तिक मास तक राजकीय मेले का दर्जा मिल सके और यहाँ की जनता अपने जनप्रतिनिधियों पर भी गर्व की अनुभूति कर सके l

महोबा : मुख्य सचिव करेंगे कुलपहाड़ ड्रिप एंड स्प्रिंकलर परियोजना का निरीक्षण

सभी आवश्यक तैयारियों लेकर डी एम व एस पी ने अधिकारियों के साथ परियोजना स्थल व हैलीपैड का किया निरीक्षण
क्षेत्र के हजारों किसानों को इसी गर्मी में सिंचाई परियोजना का मिलेगा लाभ, सिंचित होगी खेती
महोबा । मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन मनोज कुमार सिंह शुक्रवार को कुलपहाड़ क्षेत्र स्थित भटेवरा में निर्मित स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना का निरीक्षण करेंगे। उनके भ्रमण की तैयारियों का जायजा लेने के उद्देश्य से आज गुरुवार को जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कुलपहाड़ के भटेवरा स्थित स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना एवं हैलीपैड का निरीक्षण किया और सम्बंधित अधिकारियों को सभी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस मौके पर अधिशाषी अभियंता सिंचाई को निर्देश दिये गए कि सभी तैयारियां पूर्ण कराते हुए योजना को इसी ग्रीष्मऋतु में शुरु कराकर क्षेत्र के किसानों के खेतों में पानी पहुंचाना सुनिश्चित करें।
निरीक्षण केे दौरान बताया गया कि बुन्देलखण्ड पैकेज से पोषित कुलपहाड़ भटेवरा स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना जिला महोबा तहसील तहसील कुलपहाड़ में पम्प हाउस बनाकर, पाईप लाइन के माध्यम से प्रेशराइजड रिप्रकंलर सिंचाई पद्धति द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी । यह योजना पूर्ण हो चुकी है, जिसका जल्द ही शुभारंभ किया जाना है, परियोजना का गहनता से निरीक्षण करने के लिए शासन ने मुख्य सचिव को जनपद भेजा है, ताकि जल्द ही इसके सम्बंध में निर्णय लिया जा सके।
निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी हरेंद्र कुमार सिंह, उप जिलाधिकारी कुलपहाड़ अनुराग प्रसाद, जिला उद्यान अधिकारी, उप कृषि निदेशक सहित सिंचाई विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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