अदालत का फरमान जारी :  रेप पीड़िता को भगाने के मामले में दारोगा व महिला आरक्षी पर मुकदमा दर्ज

अब रेप पीड़ितों के झांसी के थानों में दर्ज नहीं हो रहे है मुकदमें

अदालत की शरण लेने पर मजबूर हो रहे हैं पीड़ित

मामला टहरौली थाना क्षेत्र का , चल रही अंधेरगर्दी

प्रदेश समाचार / झांसी। अब बलात्कार हो या अन्य वारदातों से पीड़ितों के झांसी के थानों में मुकदमा दर्ज नहीं किए जा रहे हैं। एेसा ही एक ओर मामला प्रकाश में आया है। पीड़ितों को अदालत की शरण लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है। हालही में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट की अदालत के आदेश पर टहरौली थाने की पुलिस ने दरोगा, महिला आरक्षी आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में अभी तक पुलिस अफसरों ने नामजद दरोगा व महिला आरक्षी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

विवरण के मुताविक टहरौली थाना क्षेत्र में एक 19 बर्षीय छात्रा के अपहरण और दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, 21 जनवरी 2025 को जब वह स्कूल गई थी, तभी आरोपी सुमित परिहार ने उसे चाकू के बल पर अगवा कर ले गया। पीड़िता का आरोप है कि उसे नशे की दवा मिलाकर पानी पिलाया गया, जिससे वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया, तो उसने खुद को दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में पाया। वहां आरोपी ने उसे धमकाते हुए बताया कि वह उसे बेचने के इरादे से यहां लाया है। लेकिन जब पीड़िता शोर मचाने लगी, तो आरोपी उसे छोड़कर भाग गया। पीड़िता किसी तरह 22 जनवरी को श्रीधाम एक्सप्रेस से झांसी लौट आई और रेलवे प्रशासन को आपबीती बताई। इसके बाद रेलवे पुलिस ने उसके माता-पिता को सूचित किया और उसे न्याय किशोर बोर्ड झांसी को सुपुर्द कर दिया। पीड़िता के पिता ने 21 जनवरी को ही टहरौली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि जब उसके माता-पिता दिल्ली मजदूरी करने गए थे, तब 8 मार्च 2024 को सुमित परिहार, तिलक सिंह और चंदन ने उसके घर में घुसकर तमंचे के बल पर धमकी दी और सुमित ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया गया। पीड़िता का आरोप है कि 23 जनवरी को जब वह टहरौली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गई, तो वहां तैनात उपनिरीक्षक रामशंकर कटियार और महिला कांस्टेबल सविता पटेल ने उस पर दबाव बनाकर जबरन कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए। पीड़िता के अनुसार, पुलिस ने अभियुक्तों से साठगांठ कर उसे और उसके परिवार को धमकाया और झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी।

समझौता नहीं करेगी तो परिजनों को फंसा देंगे झूठे मुकदमों में

आरोपियों और कुछ अज्ञात लोगों ने 4 फरवरी को पीड़िता के घर पहुंचकर उसे जबरन राजीनामा करने का दबाव डाला और धमकाया कि यदि वह समझौता नहीं करेगी, तो उसके पूरे परिवार को झूठे मामलों में फंसा दिया जाएगा। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस और आरोपियों की मिलीभगत से उसे और उसके परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है।

एसएसपी और डीआईजी से भी मांगा था न्याय

जब टहरौली थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो पीड़िता ने 25 जनवरी को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और डीआईजी को लिखित प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। इसके अलावा, उसने जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन फिर भी पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

अदालत की लेना पड़ी शरण

जब रेप पीड़िता छात्रा को पुलिस अफसरों से न्याय नहीं मिला तो उसे अदालत की शरण लेना पड़ी है। पीड़िता ने विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट अदालत में प्रार्थना पत्र देकर मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। इस मामले को अदालत ने गंभीरता से लिया और टहरौली थाना प्रभारी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

दरोगा और महिला सिपाही के खिलाफ मुकदमा

अदालत के आदेश पर टहरौली थाना पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने टहरौली थाने में तैनात उप निरीक्षक रामशंकर कटियार, महिला सिपाही सविता पटेल तथा रेप का आरोपी सुमित परिहार, मनोहर परिहार, चंदन तथा तिलक सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ। भारतीय न्याय संहिता की धारा 87, 64(2)(m), 123, 351(3), 352 तथा एससी एसटी एक्ट की धारा 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(2)(v) के चार्ज लगाए गए हैं।

सीओ करेंगे जांच

उक्त मुकदमे की जांच टहरौली पुलिस क्षेत्राधिकारी अजय कुमार श्रोत्रिय को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि “टहरौली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले की जांच की जाएगी। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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व्यापारी से मांग रहा था पंद्रह लाख की रंगदारी
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झाँसी : फिर सजने लगी मेडिकल तिराहे पर अवैध बालू की मण्डी , शहर में वाहनों की एन्ट्री है नो एन्ट्री किसी को पता नहीं

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बालेन्द्र गुप्ता / झाँसी। शहर के बगल में मेडिकल तिराहे के पास हाईवे पर सुबह-सुबह ईट-बालू की अवैध मंडी सजती है। ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की कतारें हाईवे की एक साइड को कब्जे में कर लेती हैं। लिंक रोड से तो लोग गुजरना ही भूल गये हैं क्योकि लिंक रोड पर बालू से भरे डम्फर खड़े हो जाते है। आश्चर्य ये है कि इस अवैध मंडी पर जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों की नजर या तो पड़ती नहीं, या फिर नजरें फेर ली जाती हैं।
मालुम हो कि अगर आप नेशनल हाईवे पर कानपुर से ग्वालियर या शिवपुरी जा रहे है और जो लोग मेडिकल से पैरामेडिकल जा रहे है तो कम से कम तीन स्थानों पर तो सावधानी बरतनी ही पड़ेगी। क्योकि मेडिकल तिराहे पर और पैरामेडिकल लिंक रोड तथा हाइवे की दूसरी तरफ वाहन ऐसे खड़े रहते है कि दुर्घटनाएं होती ही रहती है ।
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धड़ल्ले से चल रहा अवैध गिट्टी और बालू का कारोबार
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इससे आम लोगों केे धूल खाकर परेशान होना पड़ रहा है। विभाग को राजस्व की हानि हो रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इसे अनदेखा कर रहे हैं। आलम यह है कि शहर में दर्जनों लोग अवैध बालू और गिट्टी का कारोबार खुलेआम कर रहे हैं। यह कारोबार शहर में सड़क किनारे व विभिन्न मोहल्लों में दीवारों की आड़ में चल रहा है। कई स्थानों पर सड़क किनारे संचालित होने से यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है। सड़क किनारे टाल खुलने से बालू और गिट्टी ट्रैक्टर में लोड होने से यह ट्रैक्टर सड़क पर खड़े हो रहे हैं, जिससे वाहनों को ओवरटेक करने में परेशानी हो रही है। वहीं, मोहल्लों में बालू और गिट्टी लोडिंग और अनलोडिंग होने से धूल उड़ती है, जो मकानों में जाती है। इससे बीमारी होने का खतरा बना रहता है। विभिन्न मोहल्लों में बालू और गिट्टी से लदे भारी वाहनों के प्रवेश से आवाजाही में लोगों को परेशानी हो रही है। इन कारोबारियों के पास यह कारोबार करने का कोई रजिस्टेशन नहीं है।

शहर में वाहनों की एन्ट्री है नो एन्ट्री किसी को पता नहीं
शहर में नो इंट्री का कोई इंतजाम नहीं है। ट्रैफिक पुलिस को बाय-बाय बोलते हुए बड़े वाहन धड़ल्ले से प्रवेश कर रहे हैं। इससे शहर में रोज जाम लग रहा है। जाम इस कदर कि बसस्टैंड राहगीरों को इतनी समस्या होती है राहगीर वहां से आधा घंटा से अधिक समय में निकल पाते है। रोडवेज के अलावा प्राइवेट बसें, ट्रक, ट्राला आदि बड़े वाहनों की आवाजाही दिन भर चलती है। हालांकि यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगती है, पर वाहनों की आवाजाही पुलिसकर्मियों के आंखों के सामने से होती रहती है। शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर चालक वाहनों को रोककर सवारियां भरते नजर आते हैं। चालक जहां चाहते हैं, वही स्थल स्टैंड बन जाता है।

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