लापरवाही : मैक्सकेयर स्पर्श हॉस्पिटल में परिजनों ने काटा हंगामा

निजी अस्पताल में बच्चे की मौत पर जमकर हुआ बवाल

परिजनों ने कहा- डॉक्टरों की लापरवाही से हुई बच्चे की मौत

 पुलिस पहुंची मौके पर , शांत कराया मामला

झांसी। नवाबाद थाना क्षेत्र के मेडिकल रोड स्थित मैक्सकेयर स्पर्श हॉस्पिटल में बीती रात को एक बच्चे की मौत हो गई। इसी बात से गुस्साएं परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मासूम की जान चली गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के परिजनों से वार्तालाप कर मामले को शांत करवाया। विवरण के मुताविक बड़ागांव थाना क्षेत्र में रहने वाली मृतक मासूम की मां पूनम ने कहा, “मेरा बेटा पूरी तरह स्वस्थ था। उसे सिर्फ जुकाम हुआ था, लेकिन सही तरीके से इलाज न मिलने के कारण हमने उसे खो दिया।” परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने पहले बच्चे की हालत में सुधार होने की बात कही थी, लेकिन अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और कोई डॉक्टर वहां मौजूद नहीं था। बच्चे के पिता अजीत अहिरवार ने बताया कि उनका बेटा ढाई माह का था और पूरी तरह स्वस्थ था। चार दिन पहले उसे जुकाम हुआ, जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगी। 27 मार्च को वे उसे डॉक्टर सुनील के पास ले गए, जिन्होंने बच्चे को मैक्सकेयर स्पर्श हॉस्पिटल में भर्ती कराने की सलाह दी। शनिवार सुबह डॉक्टरों ने बताया कि स्थिति में सुधार है और रविवार तक छुट्टी मिल सकती है। लेकिन दोपहर में अचानक बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टरों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वे उपलब्ध नहीं थे। जब डॉक्टर पहुंचे, तो उन्होंने कहा कि बच्चे की बचने की उम्मीद सिर्फ एक प्रतिशत है, और कुछ देर बाद उसकी मौत की सूचना दे दी।

डॉक्टर ने दी सफाई

इस मामले में डॉ. अभिषेक जैन ने कहा, “बच्चे की हालत बेहद गंभीर थी। उसकी सांसें बहुत धीमी चल रही थीं, इसलिए उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। हमने पूरी कोशिश की, लेकिन फेफड़े फट जाने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका। मैंने खुद परिजनों को स्थिति समझाई थी। अगर परिजन लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, तो मामले की जांच और पोस्टमार्टम होना चाहिए।”

पुलिस ने मामला किया शांत, जांच के दिए आदेश

बच्चे की मौत के बाद हंगामे की सूचना मिलते ही नवाबाद थाना पुलिस मौके पर पहुंची। हालात को देखते हुए सदर थाना और महिला थाना की पुलिस भी मौके पर बुला ली गई। पुलिस ने परिजनों को जांच का भरोसा देकर किसी तरह मामला शांत कराया। पुलिस ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

Related Posts

झांसी : मांग रहा था गुण्डा टैक्स , पुलिस ने पकड़ा तो चलायी गोली हुआ लंगड़ा , मुठभेड़ में गिरफ्तार

व्यापारी से मांग रहा था पंद्रह लाख की रंगदारी
बालेन्द्र गुप्ता / झांसी। चिरगांव में एक व्यापारी से पंद्रह लाख रुपए की रंगदारी मांगने के आरोप में फरार चल रहे शातिर अपराधी की दिनदहाड़े स्वाट टीम से मुठभेड़ हो गई। जिसमें बदमाश के एक पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया। पुलिस टीम ने उसके कब्जे से एक तमंचा कारतूस सहित बिना नंबर की बाइक अपाचे बरामद कर ली। इधर मुठभेड़ की सूचना मिलते ही पुलिस अफसर घटना स्थल की ओर रवाना हो गए।
विवरण के मुताबिक चिरगांव थाना क्षेत्र के डेरा निवासी शातिर अपराधी धीरेंद्र राजपूत पर दर्जनों अपराधिक मामले दर्ज है। उस पर अभी हाल ही में चिरगांव में एक सराफा व्यापारी से पंद्रह लाख की रंगदारी न देने पर हत्या करने के आरोप में मुकदमा दर्ज है। इधर व्यापारी से रंगदारी मांगने का मामला एसएसपी के संज्ञान में आया तो उन्होंने स्वाट ओर संबंधित थाना पुलिस को अपराधी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने ओर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। आज दोपहर एसएसपी के निर्देशन पर स्वाट टीम ओर मोठ थाना पुलिस अपराधी की धर पकड़ में लगी थी तभी मोठ के जंगलों में फरार चल रहे अपराधी वीरेंद्र राजपूत से पुलिस टीम का आमना सामना हो गया। अपराधी ने पुलिस को देख तमंचे से फायर झोंक दिया और भागने लगा। पुलिस ने उसका पीछा करते हुए जबाव में फायरिंग की तो उसके पैर में गोली जा लगी और वह घायल हो गया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया। वही उसके कब्जे से एक तमंचा कारतूस सहित बिना नंबर की अपाचे बाइक बरामद कर ली है। पुलिस टीम उससे पूछताछ कर रही है।

 

झाँसी : फिर सजने लगी मेडिकल तिराहे पर अवैध बालू की मण्डी , शहर में वाहनों की एन्ट्री है नो एन्ट्री किसी को पता नहीं

हाइवे पर ईट से भरे ट्रक और सर्विस रोड पर बालू से भरे डम्फरों का कब्जा

ट्रैफिक पुलिस चौराहे पर पुरे दिन देखती है तमाशा

बालू के डम्फरों में नम्बर प्लेट न होने बावजूद भी नहीं करते चालान

बालेन्द्र गुप्ता / झाँसी। शहर के बगल में मेडिकल तिराहे के पास हाईवे पर सुबह-सुबह ईट-बालू की अवैध मंडी सजती है। ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की कतारें हाईवे की एक साइड को कब्जे में कर लेती हैं। लिंक रोड से तो लोग गुजरना ही भूल गये हैं क्योकि लिंक रोड पर बालू से भरे डम्फर खड़े हो जाते है। आश्चर्य ये है कि इस अवैध मंडी पर जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों की नजर या तो पड़ती नहीं, या फिर नजरें फेर ली जाती हैं।
मालुम हो कि अगर आप नेशनल हाईवे पर कानपुर से ग्वालियर या शिवपुरी जा रहे है और जो लोग मेडिकल से पैरामेडिकल जा रहे है तो कम से कम तीन स्थानों पर तो सावधानी बरतनी ही पड़ेगी। क्योकि मेडिकल तिराहे पर और पैरामेडिकल लिंक रोड तथा हाइवे की दूसरी तरफ वाहन ऐसे खड़े रहते है कि दुर्घटनाएं होती ही रहती है ।
यहां पर जनपद के सभी बालू घाटों से बालू के डम्फर आते है और कानपुर देहात व कानपुर से ईट से भरे ट्रक रात बारह बजे के बाद लिंक रोड और हाईवे पर ट्रक खड़े हो जाते हैं, जबकि दूसरी दिशा में लिंक रोड पर बालू से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का कब्जा रहता है। सुबह पांच बजे से इनकी बोली शुरू हो जाती है, जो करीब नौ बजे तक लगती है।

धड़ल्ले से चल रहा अवैध गिट्टी और बालू का कारोबार
शहर में खुलेआम सड़क पर अवैध बालू व गिट्टी का कारोबार किया जा रहा है, इसके कारण सड़कों पर जाम लगा रहता है। लेकिन प्रशासन इसको अनदेखा कर रहा है। कुछ लोग बिना पंजीयन कराए ही अवैध बालू और खनन के कारोबार को खुलेआम संचालित कर रहे हैं। इससे खनिज के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
इससे आम लोगों केे धूल खाकर परेशान होना पड़ रहा है। विभाग को राजस्व की हानि हो रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इसे अनदेखा कर रहे हैं। आलम यह है कि शहर में दर्जनों लोग अवैध बालू और गिट्टी का कारोबार खुलेआम कर रहे हैं। यह कारोबार शहर में सड़क किनारे व विभिन्न मोहल्लों में दीवारों की आड़ में चल रहा है। कई स्थानों पर सड़क किनारे संचालित होने से यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है। सड़क किनारे टाल खुलने से बालू और गिट्टी ट्रैक्टर में लोड होने से यह ट्रैक्टर सड़क पर खड़े हो रहे हैं, जिससे वाहनों को ओवरटेक करने में परेशानी हो रही है। वहीं, मोहल्लों में बालू और गिट्टी लोडिंग और अनलोडिंग होने से धूल उड़ती है, जो मकानों में जाती है। इससे बीमारी होने का खतरा बना रहता है। विभिन्न मोहल्लों में बालू और गिट्टी से लदे भारी वाहनों के प्रवेश से आवाजाही में लोगों को परेशानी हो रही है। इन कारोबारियों के पास यह कारोबार करने का कोई रजिस्टेशन नहीं है।

शहर में वाहनों की एन्ट्री है नो एन्ट्री किसी को पता नहीं
शहर में नो इंट्री का कोई इंतजाम नहीं है। ट्रैफिक पुलिस को बाय-बाय बोलते हुए बड़े वाहन धड़ल्ले से प्रवेश कर रहे हैं। इससे शहर में रोज जाम लग रहा है। जाम इस कदर कि बसस्टैंड राहगीरों को इतनी समस्या होती है राहगीर वहां से आधा घंटा से अधिक समय में निकल पाते है। रोडवेज के अलावा प्राइवेट बसें, ट्रक, ट्राला आदि बड़े वाहनों की आवाजाही दिन भर चलती है। हालांकि यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगती है, पर वाहनों की आवाजाही पुलिसकर्मियों के आंखों के सामने से होती रहती है। शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर चालक वाहनों को रोककर सवारियां भरते नजर आते हैं। चालक जहां चाहते हैं, वही स्थल स्टैंड बन जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *