चित्रकूट : शानू गुप्ता की पहल से चित्रकूट व दिल्ली के बीच जुड़ी श्रद्धा की डोर

सीएम रेखा गुप्ता को कामदगिरि का आमंत्रण
चित्रकूट। भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट अब दिल्ली की सियासी धड़कनों से जुड़ती दिखाई दे रही है। दिल्ली की सीएम श्रीमती रेखा गुप्ता से राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन शानू गुप्ता ने औपचारिक मुलाकात की और उन्हें चित्रकूट भ्रमण का ससम्मान निमंत्रण दिया।
इस भेंट में शानू गुप्ता ने सीएम रेखा गुप्ता को भगवान कामतानाथ की पावन तस्वीर व वैजयंती माला भेंट की। इस धार्मिक उपहार के माध्यम से उन्होंने चित्रकूट की आध्यात्मिक महिमा को रेखांकित करते हुए कहा कि चित्रकूट केवल धर्म की भूमि नहीं, आस्था, संस्कृति और आध्यात्म का जीवंत संगम है, जहां आकर आत्मा को शांति मिलती है। शानू गुप्ता ने बताया कि सीएम रेखा गुप्ता व उनके परिवार का चित्रकूट से पुराना और आत्मीय संबंध रहा है। अभी हाल ही में उनके पति मनीष गुप्ता चित्रकूट की धार्मिक यात्रा पर आए थे और चित्रकूट के धार्मिक स्थलों का दर्शन किया। सीएम रेखा गुप्ता ने भी इस आमंत्रण पर आत्मीयता से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चित्रकूट भारत की आध्यात्मिक पहचान है। इस धरती पर आना सौभाग्य की बात है। जल्द ही मैं अपने परिवार और टीम के साथ चित्रकूट दर्शन हेतु योजना बनाऊंगी। सीएम के सहयोगी नरेश जैन, धीरज, विशाल पांडेय, मोहित आदि जन प्रतिनिधि भी लगातार राजधानी के नागरिकों की समस्याओं और जनभावनाओं को सीएम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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चित्रकूट : आंधी-बारिश ने उजाड़ा किसानों का जीवन

मेहनत की मिट्टी में समाई उम्मीदें , मौसम विभाग की चेतावनी अनसुनी
चित्रकूट। देर रात प्रकृति ने बुन्देलखण्ड के किसानों पर कहर बरपाया। तेज आंधी और मूसलधार बारिश ने खेतों में खड़ी और खलिहानों में रखी रबी की फसलों को तहस-नहस कर दिया। कहीं गेहूं की बालियां पानी में सड़ रही हैं, तो कहीं तैयार फसल हवा में उड़कर खेतों से बाहर बिखर गई है। जिले के ग्रामीण अंचलों में रविवार सुबह का सूरज किसानों के लिए एक नई चिंता लेकर उगाः अब क्या खाएंगे? कर्ज कैसे चुकाएंगे?
कई गांवों में किसान अभी कटाई में जुटे ही थे कि तेज आंधी ने उनके अरमानों को उड़ा दिया। खलिहान में रखी फसलें भीग गईं और अब सड़ने के कगार पर हैं। खेतों में कड़ी मेहनत से तैयार की गई फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गईं। इन हालात में किसान अपनी पीड़ा छिपा नहीं पा रहे- उनकी आंखों में आंसू हैं और मन में भविष्य का डर। प्राकृतिक आपदा के बाद अब प्रशासनिक संवेदनशीलता की परीक्षा है।
प्रशासन की तैयारी नाकाफी
मौसम विभाग ने पहले ही आंधी और बारिश की चेतावनी जारी कर दी थी, लेकिन जिला प्रशासन इस पर सोया रहा। न तो कोई अलर्ट जारी किया गया, न ही किसानों को बचाव के उपाय सुझाए गए। जब कहर बरप चुका, तब जाकर प्रशासन की नींद टूटी और अब नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है।
विधायक ने उठाई आवाज, सीएम व डीएम को लिखा पत्र
इस आपदा की गंभीरता को समझते हुए सदर विधायक अनिल प्रधान ने सीएम योगी आदित्यनाथ एवं डीएम को पत्र लिखकर किसानों की पीड़ा से अवगत कराया। लिखा कि चित्रकूट समेत पूरे बुन्देलखण्ड में 12 अप्रैल की रात आई बेमौसम बारिश और तेज हवाओं ने किसानों की रबी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। खेत और खलिहान दोनों उजड़ चुके हैं। किसान अब भूख, कर्ज और जीवन के संकट में घिर गए हैं। विधायक ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करे ताकि उन्हें इस विपदा से कुछ राहत मिल सके। डीएम से अपील की कि इस आपदा को गंभीरता से लें व प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा दिलवाया जाए।
किसानों की पुकारः मुआवजा दो
गांव-गांव में किसान अब शासन से यही मांग कर रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द आर्थिक मदद दी जाए। हमने दिन-रात मेहनत की, फसल खड़ी थी, बस कटाई बाकी थी। अब तो सब पानी में बह गया। बैंक का कर्ज कैसे चुकाएंगे? यह सवाल अब हर किसान के चेहरे पर लिखा है।

चित्रकूट :अवैध सिलिका खनन से बने गड्ढे में डूबने से भाई-बहन की मौत

बच्चों की मां का रो-रो कर बुरा हाल
चित्रकूट। मऊ थाना क्षेत्र के पर्दावा मजरा कनभय में एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसमें दो बच्चों की अवैध सिलिका खनन से बने पानी से भरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान 8 वर्षीय विकास और 10 वर्षीय कोमल पुत्र गणेश भारतीय के रूप में हुई है।
विवरण के मुताविक दोपहर को दोनों बच्चे जंगल में खेलते समय गड्ढे में गिर गए। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें निकाला गया और तुरंत शंकरगढ़ स्थित अस्पताल भेजा गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दर्दनाक हादसे पर बच्चों के पिता गणेश भारतीय का कहना है कि अवैध सिलिका खनन से बनी पुरानी खदान ने उनके मासूम बच्चों की जान ले ली। यह घटना हमारे लिए बहुत बड़ी त्रासदी है, और अब हम चाहते हैं कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई हो ताकि आगे किसी अन्य परिवार को ऐसी दुःखद घटना का सामना न करना पड़े। ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में लंबे समय से अवैध सिलिका खनन हो रहा था, और खनन से बने गड्ढे में पानी भरने के कारण यह हादसा हुआ। बच्चों की मां बिट्टी देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। घटना की जानकारी मिलते ही नायब तहसीलदार मऊ और हलके के लेखपाल मौके पर पहुंचे। परिजनों ने दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया है। मौके पर पुलिस और तहसीलदार ने जांच शुरू कर दी है।

 

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