झांसी में शादी के लाल जोड़ें में दुल्हन पति के साथ पहुंची परीक्षा देने विधालय
बी.एस.सी. द्धितीय वर्ष की परीक्षा देने आयी थी दुल्हन
झांसी । जनपद झांसी के समथर क्षेत्रांतर्गत शादी का शुभ मुहूर्त छोड़ शादी के लाल जोड़ें में पति के साथ पहाड़पुरा स्टेट के हरदयाल सिंह महाविधालय के परीक्षा हाल में परीक्षा देने पहुंची जहां दुल्हन ने बी.एस.सी. द्धितीय वर्ष की परीक्षा दी तो साथ आया पति विधालय के बाहर दुल्हन का घंटों इन्तजार करता रहा।
जानकारी के अनुसार समथर क्षेत्रगत के ग्राम छेवटा निवासी जगदीश की बेटी निशा की शादी दो मई को थी। निशा परीक्षा देने परीक्षा हॉल में पहुंची जिसे देख कर सभी लोग दंग रह गये।इसके बाद निशा ने परीक्षा से लौट कर शनिवार को शादी की रस्में पूरी करने के बाद विदा कर ससुराल पहुंची
परिजनों द्धारा दी जानकारी के अनुसार निशा बीएससी सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रही थी लिहाजा शादी की तारीख तय करते वक्त यह ध्यान खास तौर पर दिया गया कि परीक्षा की डेट कहीं अड़चन न बनने पाए। निशा का पेपर 3 मई को था लिहाजा शादी की तारीख 2 मई को मुकर्रर की गई। लेकिन शादी की सारी तैयारियां हो जाने के बाद ऐन वक्त पर 3 तारीख को होने वाला पेपर की जानकारी सात फेरे लेने वाले जीवन साथी पति को दी। जीवन साथी ने निशा को भरोसा दिलाया कि शादी की रस्में भी पूरे विधान से होंगी और वह समय पर परीक्षा हॉल भी पहुंचगी वही विद्यालय के प्राचार्य
प्राचार्य डॉ सुनील कुमार द्विवेदी ने कहा कि इस प्रकार की छात्राएं शिक्षा के महत्व को समझते हुए अपने जीवन में अवश्य सफल होती हैं। अध्यापक रामस्वरूप गोस्वामी ने कहा कि शिक्षा अनमोल है निशाने हर काम को छोड़ते हुए शिक्षा को उचित समझते हुए आज उन्होंने परीक्षा में सम्मिलित होकर अपने जीवन को सफल बनाने का कार्य किया। चंद्रजीत सिंह गुर्जर ने कहा कि निशा ने अपने जीवन में शिक्षा का महत्व समझते हुए परीक्षा में शामिल हुई और शिक्षा के महत्व को समझा इस प्रकार की छात्र जीवन में अवश्य सफल होती हैं।
बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी : बढ़ती ही जा रही है कैम्पस में छात्रों की गुण्डा गर्दी
छात्रों में जमकर चले लाठी – डंडे , वीडियो हुआ वायरल
विश्वविद्यालय प्रशासन की कमान है ढीली , सुरक्षा गार्डों की शह होती है गुण्डई
विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों को नहीं पता कोई नियम क़ानून
झाँसी। बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के कैंपस में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए। देखते ही देखते मामूली कहासुनी ने हिंसक रूप ले लिया और दोनों ओर से लात-घूंसे और डंडे चलने लगे। कैंपस के बीचोंबीच हुई इस झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें छात्रों की हिंसा साफ तौर पर देखी जा सकती है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विवाद की वजह यूनिवर्सिटी में दबदबा कायम करने को लेकर पुरानी रंजिश बताई जा रही है। दोनों गुटों के बीच पहले बहस हुई और फिर मामला मारपीट तक पहुँच गया। इस झगड़े से वहां मौजूद अन्य छात्र-छात्राएं सहम गए और इधर-उधर भागने लगे। हालात बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी प्रशासन और सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे और किसी तरह छात्रों को शांत कराया। हालांकि, घटना के वक्त परिसर में पुलिस की मौजूदगी नहीं थी। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच की जा रही है और दोषियों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रत्यादर्शियो के मुताविक छात्रों की ताकत इतनी देखि जा रही थी कि उपद्रवी छात्र सुरक्षा गार्डों को धक्का देकर आवासीय कैम्पस में तक घुस गए थे।
छात्रों में दहशत का माहौल
घटना के बाद यूनिवर्सिटी के अन्य छात्रों में डर का माहौल है। कई छात्र-छात्राओं ने इसे सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक बताया है। उनका कहना है कि कैंपस में इस तरह की घटनाएं छात्र हित और शिक्षा के माहौल के लिए बेहद नुकसानदेह हैं। पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि इससे पहले भी बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों के बीच झगड़े की घटनाएं सामने आती रही हैं। इस ताज़ा मामले ने एक बार फिर यूनिवर्सिटी प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
झांसी में माफियागिरी : विकलांग दलित की भूमाफियाओं ने हड़प ली बेशकीमती जमीन
माफिया पर लाखों की जमीन हड़पने, फर्जी बैनामा कराने और रंगदारी मांगने का आरोप
न्याय के लिये विकलांग ने दरवाजा खटखटाया पुलिस कप्तान का
झाँसी। झांसी के एक चर्चित जमीन माफिया पर एक विकलांग दलित व्यक्ति ने अपनी लाखों रुपये की जमीन का फर्जी बैनामा कराकर हड़पने और विरोध करने पर बंदूक की दम पर धमकाने के साथ-साथ अवैध रूप से रंगदारी मांगने का आरोप लगाया है। इस मामले की शिकायत विकलांग दलित ने न्याय के लिए पुलिस कप्तान का दरवाजा खटखटाया है और उसने अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
विवरण के मुताविक प्रेमनगर थाना क्षेत्र के नैनागढ़ निवासी महेंद्र अहिरवार ने अपने परिजनों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय पहुँचकर एक शिकायती पत्र सौंपा। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि माफिया गैंग से जुड़े के एक सदस्य ने उनके एक रिश्तेदार के साथ मिलकर उनकी लाखों रुपये कीमत की जमीन का फर्जी बैनामा करा लिया। पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने उनके बैंक खाते से अपने रिश्तेदार के खाते में पैसे डलवाकर उनकी जमीन धोखे से हड़प ली। उसने शिकायती पत्र में यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस और अन्य अधिकारियों से की, तो उक्त दबंग व्यक्ति अपने गुर्गों के साथ उनके घर पहुंचा। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी ने उन्हें बंदूक की नोक पर धमकाया और उनके साथ मारपीट की, साथ ही दस लाख रुपये की रंगदारी की भी मांग की और कहा की अगर तुमने दोबारा कोई शिकायत की तो जान से मार दिए जाओगे।
मालुम हो कि जिस जमीन माफिया पर विकलांग दलित ने आरोप लगाया है उसके खिलाफ कि कुछ दिनों पहले भी शहर के एक धनाढ्य व्यक्ति ने इसी प्रकार उस माफिया गैंग के एक दबंग गुर्गे पर उसकी जमीन कब्जाने और धमकाने का आरोप लगाते हुए अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानपुर जोन के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया था। इस नए मामले के सामने आने से बाहरी माफिया गैंग के गुर्गों द्वारा झाँसी में भी सक्रिय होकर लोगों को परेशान करने और उनकी संपत्तियों पर कब्जा करने की आशंका बढ़ गई है। पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है और पीड़ित महेंद्र अहिरवार द्वारा दिए गए शिकायती पत्र के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाती है और पीड़ित को न्याय दिला पाती है या नहीं। इस घटना ने एक बार फिर संगठित अपराध और माफिया तत्वों के प्रभाव को उजागर किया है, जो कमजोर और असहाय लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। पीड़ित पुलिस कप्तान से न्याय की गुहार लगायी है।
झांसी:शिकायतों के निस्तारण में समयबद्धता और गुणवत्ता पर हो अधिक फोकस: डीएम
22 शिकायतों का हुआ मौके पर निस्तारण
झांसी। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने कहा कि संपूर्ण समाधान दिवस में प्राप्त शिकायतों का निस्तारण समय सीमा और गुणवत्ता परक किया जाना सुनिश्चित किया जाए। आज प्राप्त शिकायतों को स्वयं संज्ञान में लेते हुए निस्तारित शिकायतों का मौके पर स्वयं परीक्षण करें । उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत के निस्तारण से संतुष्ट होना भी सुनिश्चित किया जाए।
आज संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर लगभग 170 को शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें 22 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया गया,शेष शिकायतों को 15 दिवस में निस्तारित करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने सम्पूर्ण समाधान दिवस मोंठ में भूमि संबंधित विवाद अथवा सरकारी एवं निजी भूमि/चक रोड पर अवैध कब्जों की शिकायतें प्राप्त होने पर उपस्थित लेखपालों को कार्यशैली में सुधार लाए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने अवैध कब्जों की शिकायत के संदर्भ में टीम गठित करते हुए मौके पर जाकर चकरोड, निजी एवं सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस मौके पर गरौठा विधायक जवाहर सिंह राजपूत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ती, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जी अक्षय दीपक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय, डीएफओ जे बी शेंडे, एसडीएम प्रदीप कुमार ,क्षेत्राधिकारी पुलिस सहित समस्त विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी अधिकारी उपस्थित रहे।
साहब, नाजायज तरीके से लगा ली है फसल
सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर मोहन सिंह निवासी ग्राम पथर्रा मोंठ ने प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि ग्राम पथर्रा की में भूमि संख्या 277 नाला व 279 खाद के गड्ढे को गाँव के दबंग व्यक्ति ने नाजायज तरीके से उपरोक्त भूमि में प्याज व वरसीम की फसल लगा ली है। पूर्व में शिकायत करने के बाद क़ब्ज़ा हटा दिया गया था किंतु विपक्षी द्वारा पुन। उक्त भूमि पर फसल लगा ली गई हैं। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने उपजिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी पुलिस को मौके पर भ्रमण कर कब्जा हटाए जाने की नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सम्पूर्ण समाधान दिवस पर विद्युत विभाग, समाज कल्याण विभाग, दिव्यांग विभाग की शिकायतों निस्तारण हेतु जिलाधिकारी ने तत्काल कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए।
झांसी : शासन की योजनाओं का लाभ प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचाना सर्वोच्च प्राथमिकता – मृदुल चौधरी
नवागंतुक जिलाधिकारी ने जनपद झांसी का ग्रहण किया पदभार
जनपद में हो रहे विभिन्न विकास कार्यों को गति के साथ पूर्ण कराया जाना प्राथमिकता रहेगी
जनपद में पेयजल आपूर्ति पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
झांसी। नवागंतुक जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने आज सांय 07 बजे कलेक्ट्रेट स्थित जिला कोषागार पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया। 2014 बैच के आईएएस अधिकारी नवागत जिलाधिकारी इससे पूर्व जनपद महोबा में जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत रह चुके है। जिला कोषागार में कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त उन्होंने जरूरी अभिलेखों पर हस्ताक्षर किया।
नवागत जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त अधिकारियों से कहा कि शासन के निर्देशों का पालन करते हुए आम जनमानस को दी जा रही सुविधाएं, लाभार्थियों तक शत प्रतिशत पहुंचाना प्राथमिकता रहेगी, इसके साथ ही जनपद में हो रहे विकास कार्यों को गति के साथ पूर्ण कराया जाएगा। जनपद में शत-प्रतिशत पेयजल आपूर्ति हेतु विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में जनपद में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों को गति के साथ पूर्ण कराया जाना और जनपद के सभी लोगों के समन्वय से शासन की नीतियों का धरातल पर क्रियान्वित करने का कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरुण कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी न्याय श्रीमती श्यामलता आनंद, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वरुण कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे योगेंद्र कुमार, नगर मजिस्ट्रेट प्रमोद कुमार झा, उपजिलाधिकारी झांसी सुश्री देवयानी, वरिष्ठ कोषाधिकारी अनिल कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक नगर ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी नगर श्रीमती स्नेहा तिवारी सहित सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद रहे।
महिलाओं ने मंत्री प्रवेश वर्मा को घेरकर जबरदस्त किया विरोध
दिल्ली ऐजेन्सी। दो महीने में टूट गया दिल नाराज़ जनता ने मंत्री प्रवेश वर्मा को वापिस कर दिया जिसका विडिओ वायरल हो गया। विरोध ऐसा हो रहा था जिससे लग रहा था कि दो महीने में ही दिल्लीवालों का भरोसा सरकार से उठ गया है।
लम्बी बिजली कटौती से परेशान होकर महिलाओं ने श्रीनिवासपुरी में मंत्री प्रवेश वर्मा को घेरकर जबरदस्त विरोध किया। जनता का गुस्सा देखकर प्रवेश वर्मा वहाँ से वापिस जाना पड़ा । यह विडिओ शॉल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
उरई : जल शक्ति मंत्री ने नलकूप आधारित पेयजल योजना का किया लोकार्पण
प्रधानमंत्री के हर घर जल संकल्प को पूरा करने की दिशा में यह योजना एक मजबूत कदम है
उरई। विकासखंड नदीगांव के महतवानी में रविवार को जल जीवन मिशन ‘हर घर जल’ कार्यक्रम के अंतर्गत नलकूप आधारित पेयजल योजना का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन, सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने गांव में पहुंचकर स्वयं शुद्ध पेयजल का पानी पीकर गुणवत्ता की जांच की और ग्रामीणों से संवाद कर योजना की उपयोगिता के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस योजना के माध्यम से ग्राम महतवानी की 1500 से अधिक आबादी को अब घर-घर शुद्ध पेयजल की सुविधा मिलने लगी है। पेयजल योजना का लाभ केवल महतवानी गांव तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके अंतर्गत विकासखंड नदीगांव के कई अन्य दूरस्थ ग्रामों, जैसे कैलारी, धंजा, बंगरा, माधौगढ़, रूरा सिरसा, रवा, डीहा, अर्जुनपुरा, भकरोल, कुर्रा, गीधवासा, बओली, परासानी और खजुरी के सभी घरों में क्लोरीनेशन के साथ सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति प्रारंभ कर दी गई है। मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री के हर घर जल संकल्प को पूरा करने की दिशा में यह योजना एक मजबूत कदम है। हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश का कोई भी घर स्वच्छ पेयजल से वंचित न रहे।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध और गुणवत्ता युक्त ढंग से सुनिश्चित किया जाए। इस पहल से न केवल ग्रामीणों को स्वास्थ्यवर्धक जल उपलब्ध होगा, बल्कि जल जनित बीमारियों पर भी अंकुश लगेगा। ग्रामीणों ने योजना के प्रति आभार जताते हुए इसे अपने जीवन की एक बड़ी सुविधा बताया।
महोबा : प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री ने दी थी चरखारी नगर को बुन्देलखण्ड के कश्मीर की संज्ञा
स्वामी गोवर्धन नाथ को जनप्रतिनिधियों के संयुक्त प्रयास से ही मिलेगा राजकीय मेले का दर्जा
इस मेले का ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है
महोबा। बुन्देलखण्ड के महोबा जिले में चरखारी ऐसा नगर है जो अपने उद्भव काल से ही बेहद समृद्धशाली रहा है l यहाँ कि नैसर्गिक प्राकृतिक सुंदरता हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है यहाँ के हरियाली से आच्छादित पहाड़, यहाँ का मंगलगढ़ दुर्ग, यहाँ कमल के पुष्पों से आच्छादित सरोवरों को देखकर ही प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं. गोविन्द वल्लभ पंत द्वारा नगर को बुन्देलखण्ड के कश्मीर की संज्ञा दी गई थी इसी के साथ चरखारी स्टेट के राजाओं द्वारा नगर को धार्मिक, व्यापारिक, और सांस्कृतिक रूप से भी बेहद समृद्वशाली बनाया गया था, 108 कृष्ण मंदिरों के एक साथ नगर के गौवर्धन नाथ मेला परिसर में विराजने के साथ कार्तिक मास में होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, एक माह तक लगने वाले गौवर्धन मेला जिसका आज भी जीता जागता प्रमाण है, जिसमें क्षेत्रीय आम लोगों की अत्यधिक सहभागिता रहती है मेले का ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है लेकिन अफसोस सरकार और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते स्वतन्त्रता के बाद से चरखारी समृद्ध होने की बजाए अवनति की ओर ज्यादा गया है, यहाँ की उपेक्षा का आलम यह है जहाँ छोटे छोटे कस्बों में भी आदर्श बस स्टैन्ड नजर आ जाते हैं वहीं तहसील मुख्यालय और विधानसभा का दर्जा प्राप्त चरखारी में अभी तक एक बस स्टैन्ड नहीं बन पा रहा है, जनता को लालीपॉप दिखाने के लिए कई बार बस स्टैन्ड का शिलान्यास किया गया जो अभी तक असितत्व विहीन है इसी प्रकार मेडीकल कालेज के बनने के लिए भी करहरा कला के पास बेहद प्रचारित करते हुए लोगों को मेडीकल कॉलेज मिलने का सपना दिखाया गया लेकिन हुआ कुछ नहीं, 1883 से निरन्तर चले आ रहे मेला सहस्त्र गोवर्धन नाथ जू एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक मेला है लेकिन जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण समुचित प्रयास न किए जाने से आज तक इस मेला को राजकीय मेला का दर्जा नहीं मिल पाया, जनप्रतिनिधियों के मेले के प्रति निष्क्रियता को दर्शाता है तथा बुन्देलखण्ड के महत्वूर्ण मेला को राजकीय मेला का दर्जा नहीं मिल पा रहा है। उदासीनता की वजह से ही
स्वतन्त्रता के पूर्व मंदिर श्री बटुक भैरव नाथ जी का 8 दिन लगने वाला मेला और गणगौर मंदिर का मेला अब पूर्णरूप से बन्द हो चुके हैं l मेला सहस्त्र श्री स्वामी गोवर्धन्नाथ जू महाराज को लगते हुए 141 वर्ष पूर्ण हो चुके है जिसे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के गौरव के रूप में जाना जाता है तथा ख्याति प्राप्त मेला है लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा जिस तरह से इस मेला की उपेक्षा की जाती है वह निन्दनीय है तथा मेले के गौरवशाली इतिहास की उपेक्षा है। हालांकि विधान परिषद सदस्य एमएलसी जितेन्द्र सिंह सेंगर के आम लोगों की भावनाओं को सदन में पुरजोर तरीके से रखने की वजह से लोगों में आशा का संचार हुआ है क्योंकि एमएलसी जितेन्द्र सिंह सैंगर द्वारा चरखारी मेला और कजली मेला महोबा को लेकर राजकीय मेले की मांग रखी गई है जिससे लोगों में मेले के दिन बहुरने की आस जगी है। आम लोगों की माँग है कि यहाँ के जिला एवं तहसील के सभी जनप्रतिनिधियों को अभी से एक साथ संयुक्त प्रयास करना चाहिए जिससे चरखारी मेला के लगने के समय कार्तिक मास तक राजकीय मेले का दर्जा मिल सके और यहाँ की जनता अपने जनप्रतिनिधियों पर भी गर्व की अनुभूति कर सके l
चित्रकूट : आंधी-बारिश ने उजाड़ा किसानों का जीवन
मेहनत की मिट्टी में समाई उम्मीदें , मौसम विभाग की चेतावनी अनसुनी
चित्रकूट। देर रात प्रकृति ने बुन्देलखण्ड के किसानों पर कहर बरपाया। तेज आंधी और मूसलधार बारिश ने खेतों में खड़ी और खलिहानों में रखी रबी की फसलों को तहस-नहस कर दिया। कहीं गेहूं की बालियां पानी में सड़ रही हैं, तो कहीं तैयार फसल हवा में उड़कर खेतों से बाहर बिखर गई है। जिले के ग्रामीण अंचलों में रविवार सुबह का सूरज किसानों के लिए एक नई चिंता लेकर उगाः अब क्या खाएंगे? कर्ज कैसे चुकाएंगे?
कई गांवों में किसान अभी कटाई में जुटे ही थे कि तेज आंधी ने उनके अरमानों को उड़ा दिया। खलिहान में रखी फसलें भीग गईं और अब सड़ने के कगार पर हैं। खेतों में कड़ी मेहनत से तैयार की गई फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गईं। इन हालात में किसान अपनी पीड़ा छिपा नहीं पा रहे- उनकी आंखों में आंसू हैं और मन में भविष्य का डर। प्राकृतिक आपदा के बाद अब प्रशासनिक संवेदनशीलता की परीक्षा है।
प्रशासन की तैयारी नाकाफी
मौसम विभाग ने पहले ही आंधी और बारिश की चेतावनी जारी कर दी थी, लेकिन जिला प्रशासन इस पर सोया रहा। न तो कोई अलर्ट जारी किया गया, न ही किसानों को बचाव के उपाय सुझाए गए। जब कहर बरप चुका, तब जाकर प्रशासन की नींद टूटी और अब नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है।
विधायक ने उठाई आवाज, सीएम व डीएम को लिखा पत्र
इस आपदा की गंभीरता को समझते हुए सदर विधायक अनिल प्रधान ने सीएम योगी आदित्यनाथ एवं डीएम को पत्र लिखकर किसानों की पीड़ा से अवगत कराया। लिखा कि चित्रकूट समेत पूरे बुन्देलखण्ड में 12 अप्रैल की रात आई बेमौसम बारिश और तेज हवाओं ने किसानों की रबी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। खेत और खलिहान दोनों उजड़ चुके हैं। किसान अब भूख, कर्ज और जीवन के संकट में घिर गए हैं। विधायक ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करे ताकि उन्हें इस विपदा से कुछ राहत मिल सके। डीएम से अपील की कि इस आपदा को गंभीरता से लें व प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा दिलवाया जाए।
किसानों की पुकारः मुआवजा दो
गांव-गांव में किसान अब शासन से यही मांग कर रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द आर्थिक मदद दी जाए। हमने दिन-रात मेहनत की, फसल खड़ी थी, बस कटाई बाकी थी। अब तो सब पानी में बह गया। बैंक का कर्ज कैसे चुकाएंगे? यह सवाल अब हर किसान के चेहरे पर लिखा है।