चित्रकूट : आंधी-बारिश ने उजाड़ा किसानों का जीवन

मेहनत की मिट्टी में समाई उम्मीदें , मौसम विभाग की चेतावनी अनसुनी
चित्रकूट। देर रात प्रकृति ने बुन्देलखण्ड के किसानों पर कहर बरपाया। तेज आंधी और मूसलधार बारिश ने खेतों में खड़ी और खलिहानों में रखी रबी की फसलों को तहस-नहस कर दिया। कहीं गेहूं की बालियां पानी में सड़ रही हैं, तो कहीं तैयार फसल हवा में उड़कर खेतों से बाहर बिखर गई है। जिले के ग्रामीण अंचलों में रविवार सुबह का सूरज किसानों के लिए एक नई चिंता लेकर उगाः अब क्या खाएंगे? कर्ज कैसे चुकाएंगे?
कई गांवों में किसान अभी कटाई में जुटे ही थे कि तेज आंधी ने उनके अरमानों को उड़ा दिया। खलिहान में रखी फसलें भीग गईं और अब सड़ने के कगार पर हैं। खेतों में कड़ी मेहनत से तैयार की गई फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गईं। इन हालात में किसान अपनी पीड़ा छिपा नहीं पा रहे- उनकी आंखों में आंसू हैं और मन में भविष्य का डर। प्राकृतिक आपदा के बाद अब प्रशासनिक संवेदनशीलता की परीक्षा है।
प्रशासन की तैयारी नाकाफी
मौसम विभाग ने पहले ही आंधी और बारिश की चेतावनी जारी कर दी थी, लेकिन जिला प्रशासन इस पर सोया रहा। न तो कोई अलर्ट जारी किया गया, न ही किसानों को बचाव के उपाय सुझाए गए। जब कहर बरप चुका, तब जाकर प्रशासन की नींद टूटी और अब नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है।
विधायक ने उठाई आवाज, सीएम व डीएम को लिखा पत्र
इस आपदा की गंभीरता को समझते हुए सदर विधायक अनिल प्रधान ने सीएम योगी आदित्यनाथ एवं डीएम को पत्र लिखकर किसानों की पीड़ा से अवगत कराया। लिखा कि चित्रकूट समेत पूरे बुन्देलखण्ड में 12 अप्रैल की रात आई बेमौसम बारिश और तेज हवाओं ने किसानों की रबी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। खेत और खलिहान दोनों उजड़ चुके हैं। किसान अब भूख, कर्ज और जीवन के संकट में घिर गए हैं। विधायक ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करे ताकि उन्हें इस विपदा से कुछ राहत मिल सके। डीएम से अपील की कि इस आपदा को गंभीरता से लें व प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा दिलवाया जाए।
किसानों की पुकारः मुआवजा दो
गांव-गांव में किसान अब शासन से यही मांग कर रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द आर्थिक मदद दी जाए। हमने दिन-रात मेहनत की, फसल खड़ी थी, बस कटाई बाकी थी। अब तो सब पानी में बह गया। बैंक का कर्ज कैसे चुकाएंगे? यह सवाल अब हर किसान के चेहरे पर लिखा है।